रुस संसद के निचले सदन के अध्यक्ष ने यूक्रेन को युद्ध लड़ने के लिए अधिक पावर वाले और बड़े हथियार देने वाले देशों को रविवार को धमकी दी है इस धमकी में उन्होंने कहा कि, हथियार सहायता में मदद करके वह सभी देश दुनिया में विनाश का खतरा स्वयं पैदा कर रहे है। बता दें कि कई महीनों से रुस और यूक्रेन के बीच युद्ध में एक दूसरे पर हमले हो रहे है इस हमलों में यूक्रेन देश पूरी तरह से तबाह हो गया है परंतु यूक्रेन ने रुस से हार मानने से इनकार कर दिया है।
बैठक में किस सहायता पर नहीं मिली मंजूरी?
इस संदेश के बाद देशों ने यूक्रेन को बख्तरबंद वाहन, वायु रक्षा प्रणालियां और अन्य हथियार देने का नया संकल्प लिया, लेकिन जर्मनी ने युद्धक टैंक लैपर्ड-2 की आपूर्ति के लिए हामी नहीं भरी। यूक्रेन के समर्थकों ने शुक्रवार को जर्मनी में रामस्टीन एयर बेस में एक बैठक के दौरान यूक्रेन को अरबों डॉलर की सैन्य सहायता देने का वादा किया, लेकिन जर्मन निर्मित लैपर्ड-2 युद्धक टैंकों की आपूर्ति संबंधी यूक्रेन के अनुरोध पर सहमति नहीं बन पाई। लैपर्ड-2 का मामला रविवार रात उस समय समाधान तक पहुंचता दिखाई दिया, जब जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बाएरबॉक ने कहा कि यदि पोलैंड यूक्रेन को अपने कुछ लैपर्ड देने का फैसला करता है, तो उनके देश को इससे कोई आपत्ति नहीं है। फ्रांसीसी टीवी चैनल ‘एलसीआई’ ने विदेश मंत्री से साक्षात्कार की क्लिप साझा की, जिनमें वह यह कहती दिख रही हैं कि उनकी सरकार को पोलैंड से कोई औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है, लेकिन यदि हमसे पूछा जाता है, तो हम विरोध नहीं करेंगे।
क्या हो सकता है तीसरा युद्ध?
इससे पहले, रूसी संसद के निचले सदन ‘स्टेट डूमा’ के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोदिन ने कहा कि यूक्रेन को और शक्तिशाली हथियार दे रही सरकारें एक वैश्विक त्रासदी का कारण बन सकती हैं, जो उनके देशों को भी तबाह कर देगी।
उन्होंने कहा, कीव शासन को आक्रामक हथियारों की आपूर्ति से वैश्विक तबाही होगी। वोलोदिन ने कहा, यदि वाशिंगटन और नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) हथियारों की आपूर्ति करते हैं और उनका उपयोग शांतिपूर्ण शहरों पर हमला करने और हमारे क्षेत्र पर कब्जा करने के प्रयासों के लिए किया जाता है, जैसा कि वे धमकी दे चुके हैं, तो और अधिक शक्तिशाली हथियारों के साथ इसका जवाब दिया जाएगा।
क्यों जर्मनी यूक्रेन की मदद करने से कदम फूंक कर रही है जानें वजह ?
जर्मनी यूक्रेन को हथियार देने वाले मुख्य देशों में शामिल है और उसने संभावित हरी झंडी के लिए अपने लैपर्ड 2 भंडार की समीक्षा का आदेश दिया है, लेकिन जर्मन सरकार यूक्रेन को लेकर प्रतिबद्धता बढ़ाने की दिशा में हर कदम सावधानी से रख रही है। इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने रविवार को कहा कि वह यूक्रेन में लेक्लर्क युद्धक टैंक भेजने की संभावना से इनकार नहीं करते और उन्होंने अपने रक्षा मंत्री से इस विचार पर काम करने को कहा है। मैक्रों ने पेरिस में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह कहा। फ्रांस और जर्मनी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की मित्रता संधि की 60 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। फ्रांस और जर्मनी ने एक संयुक्त घोषणा में यूक्रेन के लिए अपने ‘‘अटूट समर्थन की प्रतिबद्धता जताई।
टैंक भेजने को लेकर पोलैंड के प्रधानमंत्री ने क्या कहा ?
लैपर्ड-2’ टैंकों संबंधी सवाल का शोल्ज ने जवाब नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि उनका देश यूक्रेन की उल्लेखनीय सैन्य मदद कर रहा है। इस बीच पोलैंड के प्रधानमंत्री माटुस्ज मोराविकी ने कहा कि अगर जर्मनी यूक्रेन को लैपर्ड टैंक देने पर सहमति व्यक्त नहीं करता है तो उनका देश उन देशों के साथ एक छोटा गठबंधन बनाने को तैयार है, जो अपने टैंक भेजेंगे।