संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में निंदा प्रस्ताव के पक्ष में वोट ने करने पर रूस ने भारत, चीन और यूएई को धन्यवाद कहा है। इस बैठक में तीनों देशों ने भाग नहीं लिया था। यूएन में रूसी राजदूत वसीली नेबेंजिया ने कहा है कि हम उन लोगों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने इस मसौदे का समर्थन नहीं किया
चीन के विस्तारवाद खिलाफ यूएस खड़ा रहेगा न की रूस : अमेरिकी सांसद
निंदा प्रस्ताव के पक्ष में वोट ने करने पर भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने भारत के फैसले पर नाखुशी जताई। कैलिफोर्निया से डेमोक्रेटिक सांसद खन्ना ने शुक्रवार को ट्वीट किया, राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी 1962 में चीन के आक्रमण के खिलाफ भारत के साथ खड़े रहे थे। चीन की मौजूदा विस्तारवादी योजनाओं के खिलाफ भारत के साथ अमेरिका खड़ा रहेगा न कि रूस। भारत के लिए पुतिन के खिलाफ स्वतंत्र आवाज उठाने का वक्त आ गया है। इससे दूर रहना स्वीकार्य नहीं है।
इस वर्ष खत्म हो रहा है भारत का अस्थाई कार्यकाल
अमेरिकी सांसद खन्ना के विचारों से सहमति जताते हुए कांग्रेस सदस्य एरिक स्वालवेन ने भी भारत के कदम को निराशाजनक बताया। इस प्रस्ताव के पक्ष में 11 और विपक्ष में एक वोट पड़ा। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस परिषद के स्थायी सदस्य हैं और उनके पास वीटो का अधिकार है। भारत इसका स्थायी सदस्य नहीं है और उसका दो साल का मौजूदा कार्यकाल इस साल खत्म हो रहा है।