रूस ने यूक्रेन के साथ जारी तनातनी के बीच एक बड़ा फैसला लिया है। रूस ने यूक्रेन से अपने राजनयिकों की निकासी की प्रकिया शुरू कर दी है। रूसी समाचार एजेंसी के मुताबकि बुधवार को रूस ने यूक्रेन स्थित अपनी सभी राजनयिक सुविधाओं से वहां काम करने वाले कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है। रूस का कीव में दूतावास है, साथ ही खार्किव, ओडेसा और ल्वीव में देश के वाणिज्य दूतावास हैं।
कीव से रूसी राजनयिकों की निकासी को लेकर पुष्टि की है
समाचार एजेंसी के मुताबित, कीव स्थित रूसी दूतावास ने राजनयिकों की निकासी को लेकर पुष्टि की है। साथ ही बताया जा रहा है कि यूक्रेन की राजधानी स्थित दूतावास की इमारत के ऊपर से रूसी झंडा भी उतार लिया गया है।
यूक्रेन ने भी अपने नागरिकों से रूस छोड़ने का आग्रह किया
वहीं, यूक्रेन ने भी अपने नागरिकों से रूस छोड़ने का आग्रह किया है। रूसी सेना द्वारा हमले की आशंका के चलते यूक्रेन में आपातकाल घोषित करने का फैसला भी किया गया है। देश की सुरक्षा परिषद ने बुधवार को सभी इलाकों में 30 दिनों के लिए आपातकाल लागू करने का फैसला किया है। बुधवार को रूस और यूक्रेन के बीच तनाव में नाटकीय रूप बढ़ोतरी देखी गई। क्योंकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन देश के बाहर सैन्य बल का इस्तेमाल संबंधित अधिकार प्राप्त हुआ। उन्होंने देश की संसद से इस संबंध में लिखित अनुमति मांगी थी।
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यूक्रेन के पास बड़ी रुसी सेना की मौजूदगी
इस बीच यूक्रेनी सेना ने बुधवार को कहा कि पिछले 24 घंटों में पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों द्वारा गोलाबारी में एक सैनिक की मौत हो गई और छह घायल हो गए क्योंकि संघर्ष विराम उल्लंघन उच्च स्तर पर हुआ है। यह खबर रूसी सांसदों द्वारा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अपने देश के बाहर सैन्य बल का उपयोग करने के लिए अधिकृत करने के कुछ घंटों बाद आयी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और यूरोपीय नेताओं ने रूसी कुलीन वर्गों और बैंकों पर प्रतिबंधों को थप्पड़ मारकर इसका जवाब दिया।