रूसी सेना के भीषण हमलों के बीच यूक्रेन के यूक्रेन के सांसदों के एक समूह ने अपने राष्ट्रपति से मास्को के साथ बातचीत शुरू करने का आह्वान किया है। सात सांसदों ने राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की को एक पत्र में कहा कि यूक्रेन में चल रहे संघर्ष का आगे बढ़ना सभी पक्षों के लिए गंभीर तबाही में बदल सकता है, जिसका भविष्य में कोई विजेता नहीं देखेगा। ये जानकारी मीडिया रिपोर्ट से सामने आई है। यूक्रेन के अरबपति और विपक्षी ब्लॉक के सह-नेताओं में से एक दर्जन से अधिक राजनीतिक दलों के एक संघ ने कहा कि हमारे लाखों साथी नागरिक शांतिपूर्ण जीवन चाहते हैं।
प्रतिनिधिमंडल बनाने का किया आग्रह
रिपोर्ट के मुताबिक सांसदों ने कहा कि वे मानव जीवन की रक्षा और स्थिति को ठीक करने के लिए सभी विकल्पों का उपयोग करने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने यूक्रेन की संसद से रूस की संसद के साथ रणनीतिक परामर्श करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल बनाने का आग्रह किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि हम मानते हैं कि एक नया समझौता अभी संभव है। सांसदों ने कहा है कि एक राजनयिक विकल्प अभी तलाशा जाना चाहिए, भले ही उसके पास सौ में एक मौका सफल हो। सांसदों ने रूस के साथ संभावित समझौते के लिए कोई विशेष विचार साझा नहीं किया है।
करीब 400 छात्रों ने ली तहखाने में शरण
यूक्रेन में रूस की सीमा से लगते सूमी शहर पर रूसी सैनिकों के कब्जे के बाद कम से कम 400 भारतीय छात्रों ने एक तहखाने में शरण ली है और भारत सरकार से उन्हें निकालने की अपील की है। इनमें अधिकतर सूमी स्टेट मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। उन्होंने कहा कि बाहर गोलियों की आवाजें सुनाई देने के कारण उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है। छात्रों ने मीडिया से कहा, हम अपने छात्रावास के तहखाने में छिपे हुए हैं और हमें नहीं पता कि यहां हम कब तक सुरक्षित रह पाएंगे।
भारत सरकार से सुरक्षित निकालने की अपील करते हैं : छात्र
हम भारत सरकार से हमें यूक्रेन के पूर्वी इलाके से सुरक्षित निकालने की अपील करते हैं।’ उन्होंने कहा, अपने आप यात्रा करना संभव नहीं है। यहां मार्शल लॉ लागू है, जिसका मतलब है कि कोई बाहर नहीं जा सकता, कार, बस और निजी वाहन नहीं निकल सकते। एटीएम और सुपर मार्केट भी बंद हैं। छात्रों ने उस तहखाने का वीडियो भी साझा किया जहां वे छिपे हुए हैं। उन्होंने कहा, हमारे पास यहां ज्यादा सामान नहीं है कि हम लंबे समय तक यहां नहीं टिक पाएंगे। भारत सरकार हमारी आखिरी उम्मीद है। हम अपने देश वापस जाना चाहते हैं और अपने लोगों से मिलना चाहते हैं। हमारी मदद कीजिए।