S Jaishankar ने थाईलैंड के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय संबंधों और बहुपक्षीय सहयोग पर की चर्चा

भारत-थाईलैंड के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर चर्चा
S Jaishankar ने थाईलैंड के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय संबंधों और बहुपक्षीय सहयोग पर की चर्चा
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India-Thailand: विदेश मंत्री एस जयशंकर और थाईलैंड के उनके समकक्ष मैरिस सांगियाम्पोंगसा ने शनिवार को दिल्ली में एक बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों, बहुपक्षीय सहयोग और क्षेत्रीय विकास पर चर्चा की। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ‘रॉयल कथिना’ समारोह के लिए संगियाम्पोंगसा की यात्रा दोनों देशों के बीच ‘‘दीर्घकालिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का उदाहरण है।’’ थाईलैंड के मंत्री रविवार को भारत से रवाना होने वाले हैं।

जयशंकर ने बैठक की तस्वीरें की साझा

जयशंकर ने बैठक की तस्वीरें भी साझा करते हुए कहा,‘‘आज दिल्ली में थाईलैंड के विदेश मंत्री से मिलकर खुशी हुई। ‘रॉयल कथिना’ समारोह के लिए उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का उदाहरण है। हमने भारत-थाईलैंड संबंधों, बहुपक्षीय सहयोग और क्षेत्रीय विकास पर चर्चा की।’’

दिल्ली में कार्यक्रम की मेजबानी

मैरिस सांगियाम्पोंगसा ‘बिम्सटेक’ (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) विदेश मंत्रियों के कार्यक्रम के लिए भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर 11 जुलाई को नयी दिल्ली आए थे और 13 जुलाई तक यहां रहे थे। विदेश मंत्री ने नयी दिल्ली में इस कार्यक्रम की मेजबानी की थी। जयशंकर ने 12 जुलाई को सांगियाम्पोंगसा के साथ एक द्विपक्षीय बैठक की थी और उनके सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन किया था।

भारत-थाईलैंड साझेदारी को और मजबूत बनाने पर दिया जोर

बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों ने साझेदारी के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों मंत्रियों ने परस्पर हित के मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया तथा उप-क्षेत्रीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर निकट सहयोग को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उसने कहा था कि मंत्रियों ने दोनों प्रधानमंत्रियों के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत-थाईलैंड साझेदारी को और मजबूत बनाने की पारस्परिक इच्छा दोहराई।

द्विपक्षीय संबंधों के योगदान में बढ़ावा

थाईलैंड आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) में भारत का एक प्रमुख भागीदार है। भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति थाईलैंड की ‘एक्ट वेस्ट’ नीति के साथ मेल खाती है। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय विदेश मंत्री और थाईलैंड के विदेश मंत्री के बीच बातचीत ने द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने में योगदान दिया है।

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