विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को अपने न्यूजीलैंड के समकक्ष नानाया महुता के साथ "फलदायी" बातचीत के दौरान इंडो-पैसिफिक और यूक्रेन संघर्ष जैसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। विदेश मंत्री के रूप में जयशंकर की न्यूजीलैंड की यह पहली यात्रा है।
जयशंकर ने बैठक के बाद ट्वीट किया, "आज दोपहर न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री नानाया महुता के साथ एक गर्मजोशी और सार्थक बातचीत हुई। दोनों समाज जो एक-दूसरे की परंपरा और संस्कृति का सम्मान करते हैं, बेहतर समकालीन संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
Warm and productive talks with New Zealand Foreign Minister @NanaiaMahuta this afternoon.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 6, 2022
Two societies, respectful of tradition and culture are seeking to forge a more contemporary relationship. pic.twitter.com/8xdZLunxHF
जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत-प्रशांत और यूक्रेन संघर्ष जैसे अंतरराष्ट्रीय चिंताओं (मुद्दों) पर विचारों के आदान-प्रदान की सराहना की। हम हम संयुक्त राष्ट्र और राष्ट्रमंडल सहित बहुपक्षीय मंचों पर एक साथ काम करने को महत्व देते हैं।" भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दे रही हैं।
कूटनीतिक माध्यमों से हल करने की आवश्यकता
चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। हालाँकि, ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कई कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी बनाए हैं। भारत ने बार-बार यूक्रेन की समस्या को बातचीत और कूटनीतिक माध्यमों से हल करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
जयशंकर ने COVID-19 से निपटने के लिए न्यूजीलैंड द्वारा किए गए उपायों से भारतीय छात्रों के प्रभावित होने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने न्यूजीलैंड में अध्ययन करने के इच्छुक भारतीय छात्रों के लिए वीजा जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया।
पढ़ाई के लिए न्यूजीलैंड पहुंचने वाले विदेशी छात्रों की संख्या के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। जयशंकर ने महूता के साथ मुलाकात के दौरान न्यूजीलैंड के सहायक विदेश मंत्री औपिटो विलियम सेओ से भी मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट किया, "विदेश मंत्री नानाया महुता के साथ बैठक के दौरान सहायक विदेश मंत्री औपिटो विलियम सेओ से मिलकर खुशी हुई। प्रशांत द्वीप समूह के लिए उनका दृष्टिकोण रंग लाया।"