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सऊदी अरब ने कहा-वैश्विक तेल आपूर्ति में कमी का वह जिम्मेदार नहीं, जानिए क्यों दिया ऐसा बयान

सऊदी अरब ने असामान्य रूप से कठोर चेतावनी दी है, क्योंकि अधिकारियों को पता है कि उनकी छोटी-छोटी टिप्पणियां भी तेल की कीमत को प्रभावित कर सकती हैं और वैश्विक बाजार में हलचल मचा सकती हैं।

रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच सऊदी अरब ने कहा है कि वह यमन के हूती विद्रोहियों के हमलों के बाद दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देश में उत्पादन प्रभावित होने की वजह से वैश्विक तेल आपूर्ति में कमी की कोई जिम्मेदारी नहीं लेगा। आमतौर पर नपे-तुले बयान देने वाले सऊदी अरब ने असामान्य रूप से कठोर चेतावनी दी है, क्योंकि अधिकारियों को पता है कि उनकी छोटी-छोटी टिप्पणियां भी तेल की कीमत को प्रभावित कर सकती हैं और वैश्विक बाजार में हलचल मचा सकती हैं। हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के तेल केंद्रों पर हमले किए हैं, जिससे युद्ध के और तेज होने की आशंका बढ़ गई है, जो 2014 में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा यमन की राजधानी सना और उत्तरी हिस्सों पर कब्जा करने के बाद शुरू हुआ था।
सऊदी अरब ने हुती विद्रोहियों पर किए हवाई हमले 
सऊदी अरब और उसके सहयोगियों ने हुती विद्रोहियों को हटाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को बहाल करने के लिए भीषण हवाई हमलों के साथ इस कार्रवाई का जवाब दिया। सात साल बाद यह संघर्ष एक खूनी गतिरोध में बदल गया और दुनिया में सबसे बड़े मानवीय संकट में से एक को जन्म दिया। सरकारी ‘सऊदी प्रेस एजेंसी’ ने सऊदी विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा कि देश यह घोषणा करता है कि उसके तेल केंद्रों पर हमलों के मद्देनजर वैश्विक बाजार में अगर तेल की आपूर्ति में किसी भी तरह की कमी आती है तो वह इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेगा। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब उत्पादन सीमित करने वाले सौदे को लेकर ओपेक और अन्य तेल उत्पादक देशों के साथ सऊदी अरब भी इस तरह की वार्ता कर रहा है।
तेल उत्पादकों ने अमेरिकी राष्ट्रपति का किया विरोध 
खाड़ी क्षेत्र के तेल उत्पादकों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बीच तेल की कीमत घटाने में मदद करने के लिए अधिक कच्चा तेल निकालने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रस्ताव का अब तक विरोध किया है। सऊदी अरब ने एक बयान में कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सऊदी अरब की तेल उत्पादन क्षमता और उसकी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में खलल डालने वाले हमलों को रोकने तथा ऊर्जा आपूर्ति को संरक्षित करने में निश्चित रूप से अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। यमन के ईरान समर्थित विद्रोहियों ने रविवार को सऊदी अरब के तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादन केंद्रों को निशाना बनाकर हमले शुरू किए थे, जिससे देश के दूसरे सबसे बड़े शहर जिद्दा के बंदरगाह में एक पेट्रोलियम वितरण केंद्र में आग लग गई और लाल सागर तट पर यानबू में एक पेट्रोकेमिकल परिसर में उत्पादन बाधित हो गया।

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