तेल का विश्व गुरू कहे जाने वाले देश सऊदी अरब अन्य देशों में सबसे ज्यादा तेल को निर्यात करते हैं। हालांकि, सऊदी अरब ने सोमवार को कहा कि ‘‘वैश्विक बाजार में तेल की आपूर्ति की कमी के लिए वह कोई जिम्मेदारी नहीं उठाएगा।’’ यमन के ईरान समर्थित हुती विद्रोहियों द्वारा किए गए हमले से सऊदी में तेल उत्पादन बाधित होने के बाद यह बयान आया है।
तेल उत्पादक देशों के साथ समझौते
यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण ईंधन की कीमतों में हुई वृद्धि और उत्पादन वृद्धि को नियंत्रित करने के ओपेक और अन्य तेल उत्पादक देशों के साथ समझौते को लेकर चल रही बातचीत के बीच सऊदी ने उक्त बात कही है।फिलहाल स्थिति यह है कि अमेरिका में लोगों को पंपों पर गैसोलीन (वाहन ईंधन) के लिए रिकॉर्ड कीमत चुकानी पड़ रही है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा है कि ‘‘हुतियों के खिलाफ मुकाबले के लिए ऊर्जा आपूर्ति बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय अपनी जिम्मेदारी उठाए।’’
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्रालय ने स्पष्ट किया
जानकारी के मुताबिक, हुतियों के बार-बार हमले से ‘‘सऊदी अरब की उत्पादन क्षमता और अपने वादे (तेल उत्पादन और आपूर्ति संबंधी) पूरा करने की क्षमता प्रभावित हो रही है।’’ उसमें कहा गया है कि ‘‘इससे विश्व बाजार में ऊर्जा आपूर्ति की सुरक्षा और स्थिरता केा खतरा पैदा हो रहा है।’’सोमवार को खरीद-बिक्री में बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल की कीमत 112 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल को पार कर गया था।यमन के विद्रोहियों ने रविवार को सऊदी अरब के तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादन को निशाना बनाकर सिलसिलेवार हमले किए।सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि लाल सागर के तट पर स्थित यान्बु पेट्रोकेमिकल्स परिसर पर हुए हमले से तेल उत्पादन में अस्थाई कमी आयी थी।