लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

अफगानिस्तान की संपत्ति जब्त करने से कम हुई अफगानों की शक्ति, देश में बड़ी गरीबी

अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद से अमेरिका ने अफगानिस्तान की पिछली सरकार के पैसे फ्रीज कर दिए थे ताकि तालिबान उनको अपने कब्जे में न करलें। लेकिन अब अफगानिस्तान में पैसे न होने की वजह से अफगानों की शक्ति कमजोर पड़ गई है।

अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद से अमेरिका ने अफगानिस्तान की पिछली सरकार के पैसे फ्रीज कर दिए थे ताकि तालिबान उनको अपने कब्जे में न करलें। लेकिन अब अफगानिस्तान में पैसे न होने की वजह से अफगानों की शक्ति कमजोर पड़ गई है। लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और बुनियादी वस्तुओं की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
अफगान निवासी ने अमेरिका पर लगाया आर्थिक संकट बढ़ने का आरोप 
काबुल निवासी नूरजादा ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया, अमेरिका में अफगानिस्तान की संपत्ति को फ्रीज करने से स्थानीय बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।नूरजादा ने अमेरिका पर अफगानिस्तान में आर्थिक संकट को बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि काबुल में तालिबान सरकार के प्रति वाशिंगटन की उदासीनता ने आम अफगानों को उनकी दैनिक आय से लगभग वंचित कर दिया है। उन्होंने बताया कि,  पहले एक बोरी आटे (50 किलो) की कीमत 1,200 अफगानी (13 डॉलर) थी, जो बढ़कर 2,300 अफगानी हो गई है। 
वाशिंगटन की दोयम दर्जे की नीति ने देश में आर्थिक अराजकता और बढ़ती गरीबी को जन्म दिया है।
नूरजादा के बाद एक अन्य नागरिक काबुल निवासी नजीर ने भी आसमान छूती कीमतों के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया। साथ ही कहा कि वाशिंगटन की दोयम दर्जे की नीति ने पहले से ही गरीब देश में आर्थिक अराजकता और बढ़ती गरीबी को जन्म दिया है। नजीर ने सिन्हुआ को बताया हमारे पास कोई अर्थव्यवस्था नहीं है कोई काम नहीं है और कोई नियमित आय नहीं है।उन्होेंने बताया, पिछले महीनों में मैंने हर दिन 1,500 अफगानी अर्जित की, लेकिन आजकल मैं मुश्किल से 400 अफगानी कमा पाता हूं। राजधानी काबुल सहित संघर्षग्रस्त अफगानिस्तान में हर जगह आर्थिक कठिनाई स्पष्ट नजर आ रही है, क्योंकि राजधानी शहर के कई निवासी जीवित रहने के लिए अपने घरेलू उपकरण बेच रहे हैं।
प्रशासन सरकारी कर्मचारियों के मासिक वेतन का भुगतान करने में है असमर्थ
अफगान नागरिकों  के अनुसार प्रशासन सरकारी कर्मचारियों के मासिक वेतन का भुगतान करने में असमर्थ हो गया है और आय की कमी ने लगभग सभी अफगानों को निराश कर दिया है। एक दुकानदार सैयद आबिद ने कहा, बुनियादी जरूरतों खासकर खाद्य सामग्री की कीमतें लगभग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं और बढ़ती महंगाई का कारण अमेरिका द्वारा अफगान संपत्ति को फ्रीज करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twelve − three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।