पाकिस्तान की इन दिनों आर्थिक हालात बेहद ही खराब हो चुके हैं, आर्थिक संकट से जूझते पाकिस्तान की जनता को भुखमरी का शिकार होना पड़ रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इसपर आंखे बंद करते ही दिख रहें हैं। और अब इसे लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इसपर अपना पलड़ा झाड़ते हुए पूर्व सेना प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप लगाए हैं। जहां इमरान खान की पीटीआई सरकार स्थापित करने को लेकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ ने जनरल बाजवा और लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
फैज हमीद पर चुनावों में धांधली का आरोप
द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह सहित अपनी पार्टी के सहयोगियों के साथ बातचीत के बाद गुरुवार शाम लंदन में मीडिया से बात करते हुए, शरीफ ने लोगों को 16 अक्टूबर, 2020 को एक पीडीएम रैली में अपने गुजरांवाला भाषण की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा और पूर्व आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद पर चुनावों में धांधली करने, संविधान का उल्लंघन कर खान को प्रधानमंत्री के रूप में स्थापित करने, उनकी सरकार को हटाने, मीडिया का मुंह बंद करने, न्यायपालिका पर दबाव बनाने और विपक्षी नेताओं को पीड़ित करने का सीधा आरोप लगाया था।
पाकिस्तानी समाचार द न्यूज का खुलासा
शरीफ ने कहा कि उन्होंने गुजरांवाला के भाषण में इस ओर इशारा किया था कि पाकिस्तान की बदहाली के लिए कौन जिम्मेदार है और कैसे लोगों के एक समूह ने देश पर कब्जा करने की साजिश रची। आपको बता दे कि द न्यूज ने हाल ही में खबर दी थी कि शरीफ ने पाकिस्तान को बर्बादी के करीब लाने के लिए चार लोगों- सेवानिवृत्त न्यायाधीश साकिब निसार, आसिफ सईद खोसा, जनरल बाजवा, लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया था।
आरोपों से बचते दिखे शरीफ
शरीफ ने अपने बेटे के कार्यालय के बाहर मीडिया से कहा कि अपने और पाकिस्तान के साथ हुई क्रूरता और अन्याय के बारे में राष्ट्र को सूचित करते समय उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा। हमारे साथ अन्यायपूर्ण और क्रूर व्यवहार किया गया है और यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इसे इंगित करूं।
चेहरे से वाकिफ़ है पाकिस्तान की जनता?
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के लोग उन दो सेवानिवृत्त जनरलों के 'चेहरे और चरित्र' से अच्छी तरह वाकिफ हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे तब्दीली परियोजना को लागू करने के पीछे थे, जिसकी परिकल्पना मूल रूप से पूर्व खुफिया प्रमुख जनरल शुजा पाशा, जनरल जहीर-उल-इस्लाम और उनके सहयोगी द्वारा की गई थी।