चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पांच साल के दूसरे कार्यकाल को आज मंजूरी दे दी और ऐसे कई नेताओं को नियुक्त किया जिन्हें शी का समर्थन है। इसके साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की राजनीतिक विचारधारा को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के संविधान में शामिल किया गया है, जिससे देश में उनका कद और बढ़ गया है।
सीएनएन के मुताबिक, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं कांग्रेस की बैठक के अंत में पार्टी के प्रतिनिधियों ने ‘नए युग में चीन की विशेषताओं के साथ शी जिनपिंग के समाजवाद पर विचारों को पार्टी के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत बनाने के पक्ष में’ मंगलवार को सर्वसम्मति से वोट किया।
इस कदम से शी 1949 में चीनी गणराज्य के संस्थापक माओ-त्से-तुंग के समकक्ष हो गए हैं। चीन के पिछले दो पूर्व राष्ट्रपतियों के विचारों को पार्टी के संविधान में शामिल नहीं किया गया था। इससे पहले मंगलवार को सीपीसी ने केंद्रीय समिति का भी चुनाव किया। केंद्रीय समिति में लगभग 200 सदस्य होते हैं, जो सत्तारूढ़ पार्टी का संचालन करते हैं।
कांग्रेस का यह सम्मेलन पांच साल में एक बार होता है।इस सम्मेलन में 2,350 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। यह सम्मेलन ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में संपन्न हुआ जिसे चीन के कम्युनिस्ट नेतृत्व का सत्ता केंद्र समझा जाता है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के पदक्रम में शी और प्रधानमंत्री ली किक्यांग (62) क्रमश: पहले और दूसरे नंबर पर हैं। दोनों ही पांच पांच साल के दो कार्यकाल के आधार पर शीर्ष नेतृत्व पर बने रहेंगे। शी और ली ने वर्ष 2012 में सत्ता संभाली थी और दोनों नेता 2022 तक सत्ता में बने रहेंगे।
शी को हाल के वक्त में चीन का सबसे शक्तिशाली नेता समझा जाता है। वह राष्ट्रपति होने के साथ-साथ पार्टी और सेना के भी प्रमुख हैं। समझा जाता है कि शी वर्ष 2022 में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त होंगे। बहरहाल, इस तरह की भी अटकलें हैं कि वह सेवानिवृत्ति की परंपरा को तोड़ सकते हैं और पार्टी में अपनी शक्तिशाली स्थिति को देखते हुए तीसरे कार्यकाल के लिए विचार कर सकते हैं।