दक्षिण कोरिया ने जापान के साथ महत्त्वपूर्ण सैन्य खुफिया जानकारी साझा करने से जुड़े समझौते को रद्द करने के अपने फैसले को आखिरी क्षणों में शुक्रवार को वापस ले लिया। उसके इस कदम से अमेरिका को भी राहत मिली है। यह समझौता शुक्रवार मध्य रात्रि समाप्त होने वाला था।
‘‘जीएसओएमआईए’’ समझौता 2016 में हुआ था, जिसके तहत दोनों देश (दक्षिण कोरिया और जापान) अपनी सैन्य खुफिया जानकारियों को साझा करने पर सहमत हुये थे।
दक्षिण कोरिया और जापान के बीच संबंधों में आयी तेज गिरावट के कारण अमेरिका के लिए चिंता पैदा हो गई थी क्योंकि वह (अमेरिका) परमाणु हथियार संपन्न उत्तर कोरिया के खतरे को रोकने की कोशिश में लगा हुआ है। दक्षिण कोरिया और जापान, दोनों अमेरिका के प्रमुख सहयोगी देश हैं, इसलिए यह समझौता अमेरिका के लिए भी महत्त्वपूर्ण है।
सियोल ने इस समझौते के रद्द होने को सशर्त निलंबित करने की घोषणा की, जिसमें महज छह घंटे शेष रह गये थे। सियोल स्थित राष्ट्रपति कार्यालय ‘ब्लू हाउस’ में पदस्थ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी किम यू-गेउन ने इस फैसले की पुष्टि की। इस समझौते को जीएसओएमआईए के रूप में जाना जाता है, जो अब शुक्रवार आधी रात को खत्म नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘जापान सरकार ने अपनी सहमति व्यक्त की है।’’
हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि यह समझौता अब भी ‘‘किसी भी समय रद्द किया जा सकता है।’’ जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी ने जोर देकर कहा कि यह समझौता ‘‘महत्वपूर्ण’’ है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सुरक्षा हालात की मौजूदा स्थिति को देखते हुए उनका मानना है कि दक्षिण कोरिया ने यह निर्णय रणनीतिक दृष्टिकोण से किया है।
उन्होंने कहा कि नागोया में जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर उनके दक्षिण कोरियाई समकक्ष कांग क्यूंग-वा के साथ द्विपक्षीय वार्ता आयोजित करने के लिये अधिकारी फिलहाल काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि व्यापारिक और ऐतिहासिक विवादों को लेकर दक्षिण कोरिया ने अगस्त में समझौते को समाप्त करने की घोषणा की थी।