दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन रविवार को भारत के दौरे पर आ रहे हैं। राष्ट्रपति मून का ये दौरा चार दिन का होगा। राष्ट्रपति मून जहां इस यात्रा में भारत को अपना पांचवा सबसे अहम रणनीतिक साझेदार घोषित कर सकते हैं वहीं भारत की कोशिश यह है कि रक्षा क्षेत्र की दिग्गज दक्षिण कोरियाई कंपनियां भारत में निर्माण संयंत्र लगाने को तैयार हो जाये। इस बारे में दोनो देशों के बीच पहले से ही चल रही बात चीत काफी अहम मुकाम पर है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन 8 से 11 जुलाई तक भारत की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। उनके साथ मंत्रिमंडल के सदस्य और कारोबारियों का दल भी आ रहा है। 9 जुलाई को उनका उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ मुलाकात का कार्यक्रम है। वहीं इसी दिन मून जे-इन भारत-कोरिया कारोबारी मंच के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सााथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजधाट जायेंगे और नोयडा स्थित सैमसंग संयंत्र भी जाएंगे।
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन का 10 जुलाई को पारंपरिक स्वागत किया जाएगा, जिसके बाद हैदराबाद हाउस में उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक होगी। इस दौरान कुछ समझौते पर भी हस्ताक्षर हो सकते हैं। शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उनके सम्मान में डिनर देंगे। पीएम नरेंद्र मोदी की वर्ष 2015 की यात्रा के बाद दोनो देशों के बीच विशेष रणनीतिक रिश्ता कायम हुआ है। मोदी की यात्रा के बाद भारत के रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री, रेल मंत्री, वाणिज्य मंत्री, विज्ञान व तकनीकी मंत्री, मानव संसाधन मंत्री, लोक सभा अध्यक्ष सोल की यात्रा कर चुके हैं।