कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना को करारा झटका देते हुए एक स्थानीय अदालत ने पूर्व रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नांडो और निलंबित पुलिस प्रमुख पुजीत जयसुंदरा को जमानत दे दी और कहा कि उनकी गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है।
भारत की ओर से साझा की गई खुफिया जानकारी पर कथित तौर पर कोई कार्रवाई नहीं करने को लेकर राष्ट्रपति सिरिसेना ने फर्नांडो और जयसुंदरा को निलंबित कर दिया था। भारत की ओर से दी गई खुफिया जानकारी में इस्लामी आतंकवादियों द्वारा हमले की चेतावनी दी गई थी, लेकिन श्रीलंकाई अधिकारी ईस्टर के दिन हुए हमले को रोकने में नाकाम रहे।
फर्नांडो और जयसुंदरा को पिछले हफ्ते तब गिरफ्तार किया गया था जब अटॉर्नी जनरल डप्पुला डि लिवेरा ने अधिकारियों को आदेश दिया था कि दोनों शीर्ष अधिकारियों को ईस्टर आतंकवादी हमला रोकने में नाकाम रहने को लेकर आरोपित किया जाए। अपने लंबे-चौड़े आदेश में कोलंबो के मुख्य मजिस्ट्रेट लंका जयरत्ने ने कहा कि न्यायपालिका पुलिस या किसी अन्य की मर्जी को तुष्ट करने भर के लिए लोगों को जेल में डाले रखने के लिए बाध्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि हत्या का आरोप लगाने के लिए संदिग्धों के खिलाफ पर्याप्त तथ्य नहीं है। मुख्य मजिस्ट्रेट ने कहा कि राष्ट्रपति सिरिसेना द्वारा नियुक्त जांच आयोग दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार करने और उन्हें हिरासत में रखने का पर्याप्त आधार नहीं है। फर्नांडो और जयसुंदरा को पांच-पांच लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी गई। श्रीलंका में 21 अप्रैल को आठ आत्मघाती हमले हुए थे जिनमें 250 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय नेशनल तौहीद जमात ने कथित रूप से ये हमले कराए थे।