गहरे आर्थिक एवं मौद्रिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका की सरकार ने अब निजी कंपनियों को भी ईंधन के आयात की मंजूरी दे दी है ताकि सार्वजनिक पेट्रोलियम कंपनी सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (सीपीसी) का बोझ हल्का हो सके।
पेट्रोल-डीजल के आयात की मंजूरी दे दी गई
श्रीलंका के ऊर्जा एवं बिजली मंत्री कंचना विजयशेखर ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा कि सभी निजी बंकर तेल परिचालकों को पेट्रोल-डीजल के आयात की मंजूरी दे दी गई है। इस तरह उद्योगों की ईंधन जरूरतें पूरी करने में मदद मिलेगी। विजयशेखर ने कहा, इस कदम से सीपीसी और थोक में ईंधन की आपूर्ति करने वाले केंद्रों पर से बोझ कम हो सकेगा। इस बारे में फैसला बृहस्पतिवार को संपन्न बैठक में किया गया।
श्रीलंकाई लोगों को हो रही है परेशानि
विदेशी मुद्रा के अभाव और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले श्रीलंकाई मुद्रा का अवमूल्यन होने से श्रीलंका को अपनी जरूरत के सामान खरीदने में भी काफी दिक्कत हो रही है। इसके अलावा पिछले तीन महीनों में रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम भी काफी बढ़ गए हैं। ऐसी स्थिति में श्रीलंका को ईंधन खरीद के लिए भारत ने 50 करोड़ डॉलर की ऋण-सुविधा दी हुई है। श्रीलंका सरकार ने गत मंगलवार को पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी। इसकी वजह से अब पेट्रोल 82 रुपये महंगा होकर 420 रुपये प्रति लीटर हो गया है जबकि डीजल के दाम 111 रुपये बढ़कर 400 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।