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श्रीलंकाई राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की चीनी रक्षामंत्री से मुलाकात

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोताबया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने 28 अप्रैल को कोलंबो में चीनी रक्षामंत्री वेई फंगह से मुलाकात की।

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोताबया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने 28 अप्रैल को कोलंबो में चीनी रक्षामंत्री वेई फंगह से मुलाकात की।इस मौके पर गोताबया राजपक्षे ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ की हार्दिक बधाई दी। उन्होंने श्रीलंका को दीर्घकालिक और बहुमूल्य समर्थन देने के लिए चीन से ईमानदारी से आभार व्यक्त करते हुए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शासन संबंधी गरीबी उन्मूलन, ग्रामीण समृद्धि से जुड़े अनुभव को सीखने की उम्मीद भी जतायी। 
श्रीलंका हमेशा श्रीलंका-चीन संबंधों के विकास को प्राथमिकता देता है और मूल हितों संबंधी मुद्दों पर चीन के रवैये का ²ढ़ता से समर्थन करता है। श्रीलंका हमेशा स्वतंत्र विदेश नीति लागू करता है और किसी भी विदेशी शक्ति के दबाव में नहीं झुकेगा और किसी भी देश के साथ गठबंधन नहीं करेगा। वे दोनों देशों के बीच रक्षा व सुरक्षा के सहयोग पर बहुत ध्यान देते हैं और आशा करते हैं कि दोनों सेनाएं और घनिष्ठ आदान-प्रदान करेंगी और व्यावहारिक सहयोग के स्तर को लगातार बढ़ाएंगे।
महिंदा ने कहा कि वेई फंगह के महामारी की स्थिति में श्रीलंका की यात्रा करने का स्वागत है, जिससे चीन-श्रीलंका संबंधों के प्रति चीन के महत्व का पता चलता है। उन्होंने महामारी की रोकथाम और नियंत्रण, आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन में चीन की उपलब्धियों के प्रति बधाई दी और महामारी के खिलाफ लड़ाई में श्रीलंका को निस्वार्थ मदद देने के लिए चीन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि श्रीलंका हमेशा चीन का ईमानदार दोस्त रहेगा और अपने मूल हितों की रक्षा करने में चीन के रवैये का समर्थन करेगा। श्रीलंका चीन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करने को तैयार है।
वेई फंगह ने कहा कि चीन-श्रीलंका मित्रता का लंबा इतिहास है और दोनों देशों के संबंधों का गहरा आधार है। चीन और श्रीलंका सक्रिय रूप से बेल्ट एंड रोड के उच्च-गुणवत्ता वाले सहनिर्माण को बढ़ा रहे हैं और समान विकास की व्यापक संभावनाएं हैं। चीन ताइवान, हांगकांग और तिब्बत से संबंधित मुद्दों पर श्रीलंका के रवैये के प्रति श्रीलंका का आभारी है। चीन पहले की तरह मानवाधिकार, राष्ट्रीय सुलह समेत कई मुद्दों पर श्रीलंका के रुख का ²ढ़ता से समर्थन करेगा। दोनों देशों की सेनाओं के संबंध लंबे समय से मैत्रीपूर्ण रहे हैं और दोनों सेनाओं के बीच सहयोग को लगातार गहरा करना और संबंधों का विकास करना आवश्यक है। चीन श्रीलंका के साथ सहयोग बढ़ाते हुए क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को बनाए रखने को तैयार है।

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