दुनिया भर में फैला कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। तो वहीं, इस वायरस से कुछ फायदें भी सामने आ रहे हैं। मसलन एक तरफ इस वायरस से लोगों की जानें जा रही हैं तो दूसरी ओर इस वायरस से जानें भी बच रही है।
दरअसल, वायरस फैलने के कारण कई देशों में लॉकडाउन या पूरी तरह से शटडाउन कर दिया गया है, जिसके कारण प्रदूषण के स्तर में कमी देखी गई है। असर ये है कि चीन में प्रदूषण कम होने से साफ आसमान दिखने लगा है। चीन में नाइट्रोजन डाईऑक्साइड का स्तर काफी कम हो गया है। वहीं, इटली के वेनिस शहर की नहरों का पानी साफ हो गया है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थ सिस्टम साइंस डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मार्शल बर्क के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण करीब 50 से 75 हजार लोग प्रीमैच्योर मौत से बच गए हैं। ये कह सकते हैं कि अगर प्रदूषण का स्तर पहले जैसे ही रहता तो इस साल के अंत में इतने (50 से 75 हजार) लोगों की मौत प्रदूषण से ही हो जाती। बर्क ने आगे बताया कि चीन में लॉकडाउन होने के बाद उन्होंने करीब कोरोना वायरस से मरने वालों की तुलना में बीस गुना ज्यादा लोगों की जान बचाई है।
बर्क के अनुसार पिछले करीब दो महीने तक साफ वायु मिलने के कारण से पांच साल से कम उम्र के करीब 4 हजार और 70 साल से नीचे के 51000 से 73000 लोगों की जिंदगी प्रदूषण की वजह से आने वाली मुसीबत से बच गई है। साथ ही चीन के पर्यावरण मंत्रालय ने माना कि वुहान में फरवरी के माह में हवा की गुणवक्ता में 21.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। बता दें, वुहान हुबेई प्रांत की राजधानी है और वुहान से ही कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ था। वुहान और हुबेई ही इस वायरस के मुख्य केंद्र थे।