विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंगापुर में आयोजित ‘अ स्टार्टअप एंड इनोवेशन एग्जीबीशन’ का आज उद्घाटन किया। एग्जीबीशन में भारत के लगभग 60 स्टार्टअप्स ने हिस्सा लिया है। इस दौरान उन्होंने सिंगापुर और भारत के मजबूत रिश्ते को दुनिया के लिए भी अहम बताया।
सिंगापुर में ‘स्टार्ट अप एंड इनोवेशन एग्जीबिशन’ के उद्घाटन सत्र में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जब हम (भारत और सिंगापुर) अपने संबंधों के समकालीन दौर में एक साथ आए थे, यह वह समय था जब दुनिया बदल रही थी और भारत बदल रहा था। दो बदलावों का एक दूसरे के साथ कुछ लेना-देना था।
उन्होंने कहा कि भारत में उस समय भुगतान का संकट था और आर्थिक सुधारों पर काम चल रहा था। उस परिस्थिति में भारत ने सिंगापुर का रुख किया और सिंगापुर ने प्रतिक्रिया दी। सिंगापुर तभी से भारत की वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भागीदार बना हुआ है।
जयशंकर ने कहा, भारत और सिंगापुर के बीच बहुत मजबूत रक्षा संबंध हैं। हमने अभी-अभी निर्बाध नौसेना अभ्यास के 25 वर्ष पूरे किए हैं, जो मुझे लगता है कि भारत दुनिया के किसी भी देश के साथ सबसे लंबा है। राजनीतिक, सामरिक और साथ ही आर्थिक वाणिज्यिक क्षेत्रों में, सिंगापुर भारत की नीतियों के लिए एक बड़ा केंद्र बन गया है। आज, जो द्विपक्षीय संबंध के रूप में शुरू हुआ है वह कुछ ऐसा है जो बहुत बड़ा हो गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा, भारत की बड़ी चिंताओं में चीन के साथ उसके संबंध शामिल हैं, क्योंकि हम चीन के साथ एक बहुत बड़ा व्यापार-घाटा चलाते हैं, जिसका मानना है कि यह अनुचित प्रतिबंधित बाजार पहुंच का परिणाम है।