ताइवान ने भविष्य में चीन से होने वाले खतरे को से बचने के लिए डिफेंस की जखीरों में इजाफा किया है। दरअसल ताइवान ने अपनी मिसाइल सिस्टम में दो नए वैरिएंट को जोड़ा है। ये बेहद घातक है ये स्काई बो वाला वैरिएंट है जो मिसाईल सिस्टम का है ।
मिसाइल की खासियत क्या है
इसकी खासियत के बारे में बात करें तो यह सरफेस टू एयर मिसाइल है यानी हवा में किसी दूसरे मिसाइल या खतरे को भांपते ही ये उसे नष्ट कर देगा। इस मिसाइल को अमेरिका के पैट्रियट डिफेंस सिस्टम की तरह माना जा रहा है। चुंगशान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने बनाया मिसाइल ये मिसाइल 70 से लेकर 100 किलोमीटर तक की करने का दम रखता है । वहीं ताइवान की रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, स्ट्रांग बो की मिसाइलों को चुंगशान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने विकसित किया है
ताइवान को अमेरिका का सरंक्षण प्राप्त
जानकारी के लिए बता दें ताइवान को केवल देशों ने संप्रभु राष्ट्र को तौर पर माना है, बाकी देशों ने चीन के दबाव की वजह से ताइवान को देश की मान्यता नहीं दी है। चीन दावा करता है कि ताइवान चीन का ही एक प्रांत है, जबकि ताइवान इसे मानने से इनकार करता रहा है। ताइवान को अमेरिका का सरंक्षण प्राप्त है। इस वजह से ही अमेरिका उसे हथियार भी मुहैया कराता रहा है।
ताइवान को कुल 13 देशों ने एक संप्रभु देश कै तौर पर स्वीकारा ताइवान को कुल 13 देशों ने एक संप्रभु देश के तौर पर स्वीकार किया है। जिसमें बेलीज, ग्वाटेमाला, हैती समेत कई देश शामिल है। चीन और ताईवान की सेना और हथियार के बारें में बात करें तो द मिलिट्री बैलेंस 2022 आईआईएसएस के मुताबिक, चीन के पास कुल 20 लाख 35 हजार सैनिक हैं, जबकि ताइवान की सेना में सिर्फ 1 लाख 70 हजार सैनिक हैं।
किसके पास कितने हथियार
हथियारों की बात करें तो 3000 लड़ाकू विमान चीन के पास हैं और ताइवा के पास 500 विमान है। चीन 5500 टैंक रखता है तो ताइवान सिर्फ 650 के साथ अपनी रक्षा कर रहा है. चीन के पास 59 पनडुब्बी है, जबकि ताइवान के पास सिर्फ 4 है। तोप की बात करें तो चीन के पास 9000 से ज्यादा तोपें हैं और ताइवान के पास महज 2000 तोपें हैं। जिस तरह के दावे ताईवान कर रहा है उन दावों को ये आंकड़े गलत साबित कर रहे है। क्योंकी आंकड़े बता रहे है की चीन के पास ज्यादा हथियार है।