तालिबान एक ऐसा देश जो खुद पाकिस्तान के बूते ही एक इस्लामिक देश का निर्माण कर पाई, जहां पाकिस्तान का तालिबान को पूरा साथ मिलता रहा, लेकिन जिस सांप की तरह पाकिस्तान चाल चलता है, उसी की सिख पर अब तालिबान उससे भी आगे निकल चुका हैं, यानी जिसने सांप को दुध पिलाया हो वह सांप उसी को डस ले।
युद्धविराम खत्म होने के बाद तहरीक-ए-तालिबान का असर
दरअसल जब से युद्धविराम खत्म हुआ है पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान का असर भी अब दिखने लगा है। एक मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि TTP ने अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूख्वा इलाके में एक पाकिस्तानी सैनिक की बेरहमी से हत्या कर दी। फिर उसके शव को एक पेड़ पर लटका दिया। मौके पर तालिबान के लड़कों ने धमकी भरा लेटर भी छोड़ा है. इसमें स्थानीय लोगों को हिदायत दी गई है कि वे मारे गए सैनिक के जनाजे में शिरकर न करें, तालिबान ने अंजाम भुगतने की बात कही है।
पाकिस्तानी सरकार है खामोश
वहीं इस पूरे मामले पर यह बात कही जा रही है कि मारे गए सैनिक का नाम रहमान है. वहीं एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि अफगानिस्तान के सुहैब जुबेरी नाम के जर्नलिस्ट ने तालिबान की क्रूरता की कहानी सोशल मीडिया पर शेयर की है. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की सरकार या फौज की ओर से इस घटना को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
अफगानिस्तान की पत्रकार ने दी जानकारी
अफगानिस्तान के जर्नलिस्ट सुहैब के मुताबिक तालिबान के सैनिकों ने फौजी रहमान का सिर काट दिया. फिर उनके शव को बाजार में एक पेड़ पर लटका दिया। शव के नजदीर पश्तों भाषा में लिखा एक पत्र भी मिला है. इसमें धमकी दी गई है कि मारे गए सैनिक के जनाजे में कोई शामिल न हो, वरना अंजाम बुरा होगा। पूरी घटना बन्नू जिले की बताई गई है।