तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने अफगानिस्तान में सार्वजनिक रूप से महिलाओं को बुर्का पहनने का फरमान सुनाया है।
अखुंदजादा ने अफगानिस्तान में एक फरमान किया जारी
अखुंदजादा ने अफगानिस्तान में एक फरमान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई महिला घर के बाहर अपना चेहरा नहीं ढकती है, तो उसके पिता या निकटतम पुरुष रिश्तेदार को बुलाया जाएगा और उसे जेल में डाल दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि उक्त पुरुष अगर सरकारी नौकरी कर रहा है तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
खामा न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि काबुल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सरकारी प्रवक्ता ने अफगान सर्वोच्च नेता द्वारा जारी एक बयान पढ़ा।
इस बयान में अनिवार्य हिजाब की प्रक्रिया की निगरानी के लिए मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं का विवरण दिया गया है।
आदेश नहीं मानने वाली महिलाओं के घरों का पता लगाया जाएगा
इस प्रक्रिया के प्रारंभिक चरण में आदेश नहीं मानने वाली महिलाओं के घरों का पता लगाया जाएगा और उनके माता-पिता को परामर्श और चेतावनी दी जाएगी।
महिला के पिता या उसके करीबी पुरुष के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा
इसके बाद, महिला के पिता या अभिभावक को संबंधित विभाग में बुलाया जाएगा और अगले चरण में महिला के पिता या उसके करीबी पुरुष के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
इस फरमान में अखुंदजादा ने कहा है कि महिलाओं को चदारी (सिर से पैर तक बुर्का) पहनना होगा।
बयान के मुताबिक, नीले रंग का बुर्का, ‘चदारी’, जो 1996 से 2001 तक तालिबान के पिछले चरमपंथी शासन का वैश्विक प्रतीक बन गया था, को एक उपयुक्त आवरण के रूप में प्रस्तावित किया गया है।
अगर बाहर कोई महत्वपूर्ण काम नहीं है, तो महिलाएं ‘घर पर ही रहें’
बयान में यह भी कहा गया है कि अगर बाहर कोई महत्वपूर्ण काम नहीं है, तो महिलाएं ‘घर पर ही रहें’।
सोशल मीडिया यूजर्स के अनुसार, यह उपाय सार्वजनिक रूप से महिलाओं पर बढ़ते प्रतिबंधों का एक विस्तार है और इसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ-साथ कई अफगान नागरिकों को भी नाराज कर दिया है।