पाकिस्तान में एक मस्जिद को निशाना बनाने की साजिश अफगानिस्तान में रची गई थी और उनकी खुफिया एजेंसी द्वारा वित्त पोषित थी। इस आत्मघाती हमले की जांच कर रही पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि 30 जनवरी को पेशावर की एक मस्जिद में हमला करने वाला हमलावर अफगानिस्तान का था।इस आत्मघाती हमले की जांच करने वाली पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पेशावर की मस्जिद में 30 जनवरी को तालिबान के आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट में 101 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 200 से ज्यादा अन्य लोग घायल हो गए थे।
सरकी गेट बाजार में दो बार बेचा गया था
पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने पहले कहा था कि उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में घुसने के लिए मोटरसाइकिल सवार हमलावर ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। उन्होंने बताया था कि हमलावर हेलमेट और नकाब पहन कर मोटरसाइकिल चला रहा था।जांच अधिकारियों ने कहा कि पेशावर मस्जिद में आत्मघाती हमले की साजिश अफगानिस्तान में रची गई थी और काबुल स्थित खुफिया एजेंसी द्वारा वित्त पोषित थी। अधिकारियों ने कहा कि विस्फोट में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल को पेशावर के भीड़भाड़ वाले सरकी गेट बाजार में दो बार बेचा गया था। पुलिस ने कहा कि उन्होंने मोटरसाइकिल के विक्रेता को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने इस विस्फोट में शामिल 17 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
हमलावर की पहचान उसके डीएनए नमूनों के जरिए की गई
इस बीच, पेशावर के आतंकवाद रोधी विभाग ने आत्मघाती हमलावर की मदद करने वालों का सुराग देने वालों को एक करोड़ पाकिस्तानी रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पुलिस प्रमुख मोअज्जम जाह अंसारी ने कहा कि आत्मघाती हमलावर की पहचान उसके डीएनए नमूनों के जरिए की गई है। अत्यधिक सुरक्षित मस्जिद में प्रवेश करने से पहले हमलावर ने अपना हेलमेट गेट पर छोड़ दिया। उसकी इस हरकत की सीसीटीवी फुटेज अधिकारियों के पास है। उन्होंने कहा, “इस जघन्य हमले के मददगारों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।” तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। संगठन ने हालांकि बाद में खुद को इस हमले से अलग कर लिया था।