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श्रीलंका का नजदीक आया विनाश! यहां देखें- महिंदा राजपक्षे को कड़ी सुरक्षा के लिए कहां ले जाया गया?

श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को त्रिंकोमाली स्थित नौसेना अड्डे पर ले जाया गया है जहां वह सुरक्षा घेरे में हैं। रक्षा मंत्रालय के सचिव कमल गुणरत्ने ने बुधवार को यह जानकारी दी। श्रीलंका अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इससे निपटने में सरकार की विफलता को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच 76 वर्षीय महिंदा को सुरक्षा मुहैया करायी जा रही है। इस बीच विपक्षी दल उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

महिंदा राजपक्षे को सुरक्षित तरीके से निकाल कर ...

श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) नेता महिंदा 2005 से 2015 तक देश के राष्ट्रपति थे और उस दौरान उन्होंने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के खिलाफ क्रूर सैन्य अभियान चलाया था।गुणरत्ने ने एक डिजिटल ब्रीफिंग में संवाददाताओं को बताया कि महिंदा राजपक्षे को सुरक्षित तरीके से निकाल कर त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे पर ले जाया गया है।उन्होंने कहा कि महिंदा राजपक्षे को कोलंबो में उनके ‘टेंपल ट्रीज’ आवास से सुरक्षित निकालकर त्रिंकोमाली स्थित नौसेना अड्डे ले जाया गया है।गुणरत्ने ने कहा, ‘‘हमने देखा कि कैसे उन्होंने (प्रदर्शनकारियों) उस रात ‘टेंपल ट्रीज’ के अंदर घुसने की कोशिश की थी और हमने उन्हें रोका था।’’ उन्होंने कहा कि महिंदा राजपक्षे को वहां तब तक रखा जायेगा, जब तक स्थिति में सुधार नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि इसके बाद वह जहां जाना चाहेंगे, वहां जा सकते हैं।

झड़पों में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है

महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उससे पहले उनके समर्थकों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमले किए थे और अधिकारियों ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया था। इसके साथ ही राजधानी में सेना के जवानों को तैनात कर दिया गया था।इस हमले के बाद देशभर में राजपक्षे समर्थक नेताओं के खिलाफ व्यापक हिंसा शुरू हो गई। झड़पों में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है जबकि 200 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं सत्ताधारी पार्टी के कई नेताओं की संपत्तियों को भी आग लगा दी गई।तीन बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके महिंदा के घर में सोमवार को आग लगा दी गई थी। उनके समर्थकों पर हुए हमलों में कम से कम आठ लोगों की मौत हो जाने के बाद उन्हें नौसैनिक अड्डे पर ले जाया गया था। अपनी पत्नी और परिवार के साथ महिंदा ने अपना आधिकारिक निवास ‘टेंपल ट्रीज’ छोड़ दिया था और त्रिंकोमाली में नौसैनिक अड्डे पर शरण ली।

1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका...

पुलिस ने सोमवार की रात ‘टेंपल ट्रीज’ में घुसने की कोशिश कर रही भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। मंगलवार तड़के पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हवा में गोलियां चलाईं वहीं सुरक्षा बल महिंदा और उनके परिवार को उनके आधिकारिक आवास से निकाल कर बाहर ले गए।

महिंदा के त्रिंकोमाली नौसेना अड्डे पर होने की खबर फैलते ही लोगों ने वहां भी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। देश की बदहाल अर्थव्यवस्था का उचित तरीके से प्रबंधन नहीं कर पाने के कारण लोगों की बढ़ती नाराजगी के बीच भीड़ ने सत्तारूढ़ राजपक्षे परिवार के पुश्तैनी घर में आग लगा दी। उसके बाद पूरे देश में कर्फ्यू लागू है। वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है।