ईरान के पश्चिमी केरमनशाह प्रांत में रविवार की रात भूकंप ने भीषण तबाही मचाई। अधिकारियों के अनुसार इससे देश में 407 लोगों की मौत हो गई और 6700 अन्य घायल हो गए। केरमनशाह ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्र है जहां लोग मुख्यत: खेती पर निर्भर हैं। वहीं, इराक के गृह मंत्रालय के अनुसार देश के उत्तरी कुर्द क्षेत्र में भूकंप से कम से कम सात लोगों की जान गई है और 535 अन्य घायल हुए हैं।
ईरानी सोशल मीडिया और समाचार एजेंसियों ने अपने घर छोड़ रहे लोगों की तस्वीरें और वीडियो दिखाए। भूकंप के बाद 100 से ज्यादा झटके महसूस किए गए। भूकंप से सर्वाधिक नुकसान केरमनशाह प्रांत के सरपोल ए जहाब में प्रतीत होता है जो ईरान और इराक को विभाजित करने वाले जगरोस पर्वतीय इलाके में है।
सरपोल जहाब में 49 वर्षीय गृहिणी कोकाब फर्द ने कहा कि जब उसका अपार्टमेंट गिरा तो वह खाली हाथ भाग निकली। ‘‘मेरे बाहर आने के तत्काल बाद इमारत गिर गई। मैं अपने सामान तक नहीं पहुंच सकती हूं।’’ रेजा मोहम्मदी (51) ने कहा कि वह और उसका परिवार पहले झटके के बाद गली की तरफ दौड़ा। ‘‘मैंने वापस जाकर कुछ सामान बटोरने की कोशिश की, लेकिन दूसरे झटके में मकान पूरी तरह गिर गया।’’ सरपोल ए जहाब के लोगों ने कहा कि बिजली-पानी की आपूर्ति ठप है और टेलीफोन तथा सेलफोन सेवा भी चरमरा गई है।
सरकारी मीडिया ने बताया कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमैनी ने सोमवार की सुबह शोक व्यक्त किया और राहतकर्मियों तथा सरकारी एजेंसियों से प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद करने को कहा। ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी का मंगलवार को भूकंप प्रभावित क्षेत्र जाने का कार्यक्रम है।
अर्ध सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने कहा कि भूकंप से ईरान में कम से कम 14 प्रांत प्रभावित हुए हैं। देश के संकट प्रबंधन मुख्यालय के प्रवक्ता बेहनम सईदी ने सरकारी टीवी से कहा कि मरने वालों की संख्या 407 है और 6,700 लोग घायल हुए हैं।
वहीं, इराक में वहां के प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी ने देश की नागरिक रक्षा टीमों तथा संबंधित संस्थानों को प्राकृतिक आपदा से निपटने का निर्देश दिया। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल साद मान ने इराक में हुई मौतों का आंकड़ा प्रदान किया। भूकंप समूचे इराक में महसूस किया गया जिससे इरबिल से लेकर बगदाद तक इमारतें हिल गईं और लोग सड़कों पर निकल आए।
यूएस जियोलॉजिकल सर्विस के मुताबिक, पहले भूकंप की तीव्रता 6.4 आंकी गई जबकि दूसरे की तीव्रता 6.3 मापी गई थी। ये जानमाल का नुकसान ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में हुआ था।