अमेरिकी कांग्रेस की उच्च सभा‘सीनेट’में भी लगातार परमाणु हथियारों एवं बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करके विश्व के लिए खतरा बने उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंधों को और कड़ा करने पर सहमति बन गयी है। निचली प्रतिनिधि सभा पहले ही इस पर अपना स्प्ष्ट राय दे चुकी है।
सीनेट में रिपब्लिक और डेमोक्रेटिक दोनों दलों के सांसदों में प्योंगयांग पर प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाये जाने और इसे और कड़ा करने पर बुधवार को सहमति बनी। सीनेट बैकिंग कमेटी अगले सप्ताह इस संबंध में कानून लाने पर काम करेगी जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एशिया की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। प्रतिबंधों को और कड़ा करने संबंधित कानून बन जाने के बाद उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों के लिए नये पैकेज पर काम शुरू हो जायेगा ।
उत्तर कोरिया पर दंडात्मक कार्रवाई को शामिल करने या नहीं करने पर सीनेट में लंबी बहस हुयी। सीनेट अध्यक्ष पॉल रेयान के अनुसार यह इतिहास में सबसे बड़ा प्रतिबंध पैकेजों में से एक है। वार्मबियर बैकिंग प्रतिबंधों के तहत विदेशी वित्तीय संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा। मसलन कांग्रेस द्वारा प्रतिबंधित किसी नागरिक विशेष अथवा उत्तर कोरिया को वित्तीय सहायता देने वाली चीन की संस्थाओं पर रोक लगायी जायेगी।
इस कानून के तहत राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश अथवा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आदेश से ऐसी वित्तीय संस्थाओं को प्रतिबंधित किया जायेगा। नये कानून के तहत राष्ट्रपति अगर इन प्रतिबंधों को रद्द और निलंबित करने पर विचार करता है तो उसे पहे कांग्रेसी की समिति को सूचित करना होगा। प्रशासन को इस तरह के मुद्दों पर कांग्रेस को समय- समय पर रिपोर्ट भी पेश करनी होगी।
इस वर्ष जुलाई में प्रतिनिधि सभा ने रूस, ईरान और उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के लिए मतदान किया था। अमेरिका और उसके सहयोगियों को कमजोर करने वाले रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के खतरनाक एवं युद्धकारी कदमों के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने के लिए भारी मतदान हुआ था। निचले सदन ने कल तीन के मुकाबले 419 मतों से रूस, ईरान और उत्तर कोरिया प्रतिबंध विधेयक को पारित कर दिया है।
इस विधेयक का उद्देश्य अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव में हस्तक्षेप करने और यूक्रेन एवं सीरिया में मास्को की सैन्य आक्रामकता के लिए उसे दंडित करना भी है। इसके अलावा इसका मकसद आतंकवाद को समर्थन जारी रखने के लिए तेहरान को भी सबक सिखाना है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के संबंध दिन दप्रतिदिन‘ विस्फोटक’हो रहे हैं। उत्तर कारिया लगातार बड़ और उन्नत परमाणु हथियार एवं बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण कर रहा है।
एक तरफ प्योंगयांग का दावा है कि उसने ऐसे हथियार विकसित कर लिए हैं जिनसे वह अमेरिका का नामो-निशां मिटा सकता है तो दूसरी तरफ अमेरिका बार -बार चेतावनी दे चुका है कि प्योंगयांग अपने इस तरह के कदमों से बाज आये नहीं तो उसे ऐसे दिन देखने पड़गें जिसका उसने क्या विश्व ने भी कभी कल्पना नहीं की होगी।