लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

ब्रिटेन की उच्चतम न्यायालय ने उबर के टैक्सी चालकों को दिया बुनियादी रोजगार सुरक्षा का हक

ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि टैक्सी सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी उबर को अपने चालकों को स्वनियोजित के तौर पर वर्गीकृत करने के बजाय न्यूनतम वेतन, छुट्टी और बीमार होने के दौरान वेतन अधिकारों के साथ श्रमिकों के तौर पर वर्गीकृत किया जाना चाहिए।

ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि टैक्सी सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी उबर को अपने चालकों को स्वनियोजित के तौर पर वर्गीकृत करने के बजाय न्यूनतम वेतन, छुट्टी और बीमार होने के दौरान वेतन अधिकारों के साथ श्रमिकों के तौर पर वर्गीकृत किया जाना चाहिए।
यह निर्णय लंबे समय के एक कानूनी विवाद के बाद आया है जिसे अमेरिकी कंपनी ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत में लेकर गई थी। चालकों के एक समूह ने यह दावा करने के लिए अभियान शुरू किया था कि उन्हें स्वतंत्र तृतीय-पक्ष कान्ट्रैक्टर के बजाय श्रमिकों के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए, जिसका अर्थ है कि वे ब्रिटेन के कानून के तहत सभी बुनियादी रोजगार सुरक्षा के हकदार हैं। उच्चतम न्यायालय के फैसले का महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि उबर को अपने चालकों को तब से ‘‘श्रमिक’’ मानना होगा जिस दिन वे ऐप पर लॉगआन करते हैं और तब तक जब वे उससे लॉगऑफ नहीं करते।
मामले में शामिल कुछ उबर चालकों का प्रतिनिधित्व करने वाली विधि कंपनी ‘लेघ डे’ में एक साझेदार निगेल मैककाय ने कहा, ‘‘हमारे मुवक्किल कई वर्षों से श्रमिकों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, इसलिए हमें खुशी है कि उसका अंत आखिरकार दृष्टिगत है। ’’उन्होंने कहा, ‘‘पहले से ही एक रोजगार न्यायाधिकरण, रोजगार अपील न्यायाधिकरण और अपीलीय अदालत ने फैसला सुनाया है कि उबर चालक श्रमिकों के अधिकारों के हकदार हैं और अब सर्वोच्च न्यायालय उसी निष्कर्ष पर आ गया है।’’ उन्होंने कहा कि फैसले का मतलब है कि चालकों के भारी मुआवजे का दावा। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी मुआवजा दिये जाने का अनुरोध करेगी। शुक्रवार के फैसले के बाद, रोजगार न्यायाधिकरण को अब यह तय करना होगा कि 2016 के मामले में 25 चालकों को कितना मुआवजा दिया जाए। ऐप ड्राइवर्स एंड कोरियर्स यूनियन के अध्यक्ष यासीन असलम ने कहा, ‘‘मुझे इस फैसले से बहुत खुशी और राहत मिली है।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nineteen − seven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।