अमेरिका और चीन दोनों ताक़तवर देश हैं। दोनों देशों की सेनाएं भी काफी मजबूत हैं। वहीं दोनों देश आपस में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। हाल ही में चीन ने अमेरिका को धमकी दी उसके बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी मंगलवार को ताइवान पहुंच गई। उनका यह ताइवान दौरा चीन को खटक रहा है, वहीं अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर खूब सुर्खियां भी बटौर रहा है। इस दौरे को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव भी चरम पर पहुंच गया है। इस बीच नैंसी के दौरे को लेकर चीन ने सैन्य कार्रवाई की भी धमकी दी है।
निरंकुश ताक़तों के सामने घुटने नहीं टेकते अमेरिकी नेता
मंगलवार को ताइवान पहुंची पेलोसी ने वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित अपने ओपिनियन पीस में यात्रा का बचाव करते हुए कहा कि अमेरिकी नेता निरंकुश ताकतों के सामने घुटने नहीं टेकेंगे। पेलोसी ने कहा, हम ऐसी स्थिति में चीन के साथ खड़े नहीं हो सकते जब वह ताइवान और लोकतंत्र के लिए चुनौती बना रहे। हमने यह दौरा ऐसे समय में किया है जब पूरी दुनिया निरंकुशता और लोकतंत्र के बीच संघर्ष कर रही है। ताइवान का दौरा करके, हम लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करते हैं और दोहराते हैं कि ताइवान और सभी लोकतंत्रों की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए। पेलोसी की ताइवान यात्रा से पहले ही चीन ने ताइवान जलडमरूमध्य को अलग करने वाली सीमा पर युद्धपोत तैनात कर दिए थे।
हाई अलर्ट पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी
चीन के विदेश मंत्रालय ने पेलोसी के ताइवान दौरे को ‘बेहद खतरनाक’ बताया है। चीनी सैन्य प्रवक्ता वू कियान ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी हाई अलर्ट पर है और हमारा उद्देश्य देश की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना और बाहरी दुनिया में हस्तक्षेप करने के किसी भी प्रयास को विफल करना है।” सैन्य कार्रवाई करेंगे। हालांकि, इस ओपिनियन पीस में पेलोसी ने चीन के उन आरोपों को खारिज किया है, जिसमें यात्रा को भड़काऊ बताया गया था।
पूरी दुनिया निरंकुशता और लोकतंत्र के बीच संघर्ष कर रही है
पेलोसी ने कहा कि ताइवान की उनकी यात्रा का एकमात्र उद्देश्य स्व-शासित ताइवान के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए उनके पक्ष में खड़ा होना है। द ओपिनियन पीस ने कहा, हमने यह दौरा ऐसे समय में किया है जब पूरी दुनिया निरंकुशता और लोकतंत्र के बीच संघर्ष कर रही है। रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू किया, जिसमें बच्चों सहित हजारों लोग मारे गए। यह जरूरी है कि अमेरिका और उसके सहयोगी यह स्पष्ट कर दें कि हम निरंकुश ताकतों के आगे नहीं झुकेंगे।
बता दें कि नैंसी पेलोसी जैसे ही ताइवान पहुंची, चीन के 21 सैन्य विमानों ने ताइवान के एयर डिफेंस जोन में घुसपैठ कर ली। नैन्सी पेलोसी पिछले 25 वर्षों में ताइवान की यात्रा करने वाली पहली अमेरिकी शीर्ष-स्तरीय नेता हैं। अमेरिकी सीनेट की अध्यक्ष 81 वर्षीय नैन्सी पेलोसी का यह चौथा कार्यकाल है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के बाद स्पीकर अमेरिका में तीसरा सबसे बड़ा पद है। वह 2019 से इस पद पर हैं।