म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ रविवार को हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया और देश की शीर्ष नेता आंग सान सू की की रिहाई की मांग की, जिनकी निर्वाचित सरकार को गिराकर सेना ने इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी है।सोमवार को तख्तापलट होने के बाद से ही प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। यंगून विश्वविद्यालय के निकट प्रमुख चौराहे पर एकत्र कम से कम 2,000 श्रमिक यूनियन सदस्यों, छात्र कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने ''आपकी आयु लंबी हो मां सू'' और ''सैन्य तानाशाही खत्म करो'' के नारे लगाए।
उन्होंने मुख्य सड़क की ओर मार्च किया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। वाहन चालकों ने अपने वाहनों का हॉर्न बजाकर उनका समर्थन किया। इस दौरान पुलिस ने विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार को बंद कर दिया। इसके अलावा पानी की बौछारें करने वाली दो गाड़ियां भी पास ही खड़ी थीं। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पोस्टर थाम रखे थे, जिन पर सू की और राष्ट्रपति विन मिंत को रिहा करने की अपील की गई थी, जिन्हें घर में नजरबंद रखा गया है और मामूली अपराधों के आरोप लगाए गए हैं।
इससे पहले, शनिवार को नए सैन्य शासन ने अधिकतर स्थानों पर इंटरनेट बंद कर दिया। इसके साथ ही सैन्य सरकार ने म्यांमार में ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी पाबंदी लगा दी। फेसबुक के इस्तेमाल पर इस सप्ताह की शुरुआत में ही रोक लगाई जा चुकी है, हालांकि यह पाबंदी पूरी तरह से प्रभाव में नहीं आई है।