तुर्किए और सीरिया में पिछले दिनों 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कई शहर मलबे में तब्दील हो गए। पूरी दुनिया तुर्किए और सीरिया के लिए दुआ और मदद कर रही है और कई देश राहत सामग्री भेज रहे हैं। वहीं, कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान ने भी तुर्किए के लिए मदद भेजी है। पाकिस्तान सरकार या प्रांतीय सरकारों द्वारा बिना किसी औपचारिक आदेश के बलूचिस्तान सरकार के अधिकारियों के इस महीने के वेतन में 50 प्रतिशत कटौती कर दी गई। तुर्की राहत सहायता में योगदान के नाम पर इनका आधा वेतन काट लिया गया।
एकतरफा वेतन कटौती का विरोध
द एशिया लाइट ने बताया कि बलूचिस्तान में ग्रेड 19 से 21 के अधिकारियों ने एकतरफा वेतन कटौती का विरोध किया है। उनका कहना है कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में 33 प्रतिशत की वृद्धि के कारण वे पहले से ही अपने परिवारों को खाना खिलाने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं। यही वेतन उनकी आय का एकमात्र स्रोत था। बिना किसी परामर्श के उन्हें उनकी जायज कमाई से वंचित नहीं किया जा सकता है।
बलूचिस्तान सरकार का फरमान
दैनिक इंतेखाब की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों ने पूछा है कि क्या अन्य ग्रेड और प्रांतों के अन्य अधिकारियों को भी योगदान देने के लिए कहा गया था या यह बलूचिस्तान सरकार का फरमान था। वे इस सुझाव के साथ संघीय सरकार से अपील करने की योजना बना रहे हैं कि वे एक या दो दिन के वेतन का भुगतान कर सकते हैं, और वेतन में 50 प्रतिशत की भारी कटौती से बच सकते हैं।
शहबाज सरकार पुरजोर कोशिश में
आर्थिक संकट के बीच शहबाज सरकार पुरजोर कोशिश में है कि वह दिखा सके कि संकट के समय वह पूरी तरह तुर्की के साथ है। पिछले साल पाकिस्तान में आई बाढ़ के दौरन तुर्की ने भी पाकिस्तान की मदद की थी। पाकिस्तान ने अब तक 162 टन की राहत सामग्री के 16 कंटेनर तुर्की भेजे हैं। पीएम शहबाज शरीफ ने ऐलान किया था कि वह अंकारा जाएंगे और संकट के समय तुर्की के साथ एकजुटता दिखाएंगे। हालांकि, तुर्की सरकार ने शहबाज के इरादों पर पानी फेरते हुए उनसे अपना दौरा स्थगित करने को कहा है। शहबाज को संदेश भेजा गया कि अभी तुर्की आपदा से निपटने में जुटा हुआ है, ऐसे में उनका दौरा करना उचित नहीं होगा।
कुछ मीडिया रिपोर्टों ने इसे शरीफ के लिए एक ‘अपमान’ करार दिया है, जब उनकी अपनी सरकार संकट से जूझ रही है, तो उन्हें सद्भावना दिखाने के लिए समय, पैसा और प्रयास बर्बाद नहीं करना चाहिए।