वॉशिंगटन : बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ट्रम्प प्रशासन भारत के साथ काम करना चाहता है। साथ ही वह म्यांमार पर उनके सुरक्षित और स्वैच्छिक वापसी के लिए दबाव बनाना चाहता है। यह बात अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। पिछले वर्ष अगस्त में सुरक्षा बलों की कार्रवाई के कारण करीब सात लाख रोहिंग्या मुसलमान म्यामांर के उत्तरी राखाइन प्रांत से बांग्लादेश फरार हो चुके हैं।
बांग्लादेश और म्यामांर पिछले वर्ष नवम्बर में राखाइन प्रांत में रोहिंग्या शरणार्थियों की स्वैच्छिक वापसी के लिए सहमत हो गए थे लेकिन यह प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि भारत के साथ ज्यादा करीबी से काम करने की इच्छा है। उन्होंने कल कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि भारत भी इस स्थिति का समाधान करने के लिए इच्छुक है।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहाँ क्लिक करें।