आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए अमेरिका अब पाक को आर्थिक मदद नहीं करने की योजना बना रहा है। आपको बता दे कि व्हाइट हाउस में शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन ने घोषणा करते हुए कहा कि वे इस्लामाबाद को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए 255 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद नहीं देंगे। हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान की जमीन पर पल रहे आतंकियों का खात्मा करने के लिए सेना को आर्थिक मदद देने की बात कही थी।
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक, क्या पाकिस्तान को सहायता राशि ना देकर ट्रंप उन्हें आतंकवाद विरोधी अभियानों पर सहयोग करने में नाकाम रहने पर सजा की चेतावनी देंगे। ट्रंप प्रशासन में इस बात को लेकर आंतरिक बहस छिड़ी हुई है। बता दे कि खबर में कहा गया है कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंध तब से तनावपूर्ण बने हुए है जब राष्ट्रपति ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान ”अराजकता, हिंसा और आतंकवाद फैलाने वाले लोगों को पनाहगाह देता है।
पाकिस्तान को वर्ष 2002 से 33 अरब डॉलर (करीब 21 लाख रुपये) से ज्यादा की सहायता मुहैया कराने वाले अमेरिका ने अगस्त में कहा था कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादी समूहों के खिलाफ और अधिक कार्रवाई नहीं करता तब तक वह 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की धनराशि रोक रहा है।
अखबार ने कहा कि इस महीने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी इस पर फैसला लेने के लिए मिले कि धनराशि के बारे में क्या किया जाए और अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अंतिम निर्णय आगामी सप्ताहों में लिया जा सकता है।
अमेरिका का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब ट्रंप प्रशासन अफगानिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण पाकिस्तान पर नकेल कसने में जुटा है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंध में अमेरिकी नीति की ट्रंप प्रशासन की समीक्षा से पहले पेंटागन का यह फैसला आया है। पाकिस्तान के हक्कानी नेटवर्क पर हिंसाग्रस्त अफगानिस्तान में अमेरिका और पश्चिमी देशों की सेना पर कई हमले करने का आरोप है। इस आतंकी संगठन ने अफगानिस्तान में भारतीय ठिकानों पर भी कई हमलों को अंजाम दिया है।
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