भारत और संयुक्त अरब अमीरात के रिश्ते अब पहले की तरह नहीं रहे, इनके रिश्ते की गहराई इतनी हो चुकी है की अब भारत अपनी दोस्ती की मिसाल दुनिया को दिखाने के लिए अपने लिए गए फैसलों में भी बदलाव कर रहा है। जी हां केंद्र सरकार ने सोमवार के दिन राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड के जरिए यूएई को गैर बासमती चावल के एक्सपोर्ट को मंजूरी दे दी है। भारत सरकार द्वारा 75000 टन चावल के निर्यात की मंजूरी दी गई है। और यह सभी जानकारी विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा शेर की गई है।
मीडिया रिपोर्ट के माने तो सरकार ने देश में गैर बासमती चावल के एक्सपोर्ट को पूरी तरह बन कर दिया था और इस फैसले के बाद से कई देशों में चावल के लिए अफरा-तफरी का माहौल छा गया था इतना ही नहीं बल्कि चावल के कीमतों में भी तगड़े उछाल देखने को मिले थे। लेकिन इस बहन के बावजूद भी भारत ने अपने मित्र और पड़ोसी देश के अनुरोध पर उनकी मांग को पूरा करने के लिए अपने फैसले को बदल दिया और देश में चावल के निर्यात को मंजूरी दे दी।
NECL के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात को 75000 तन गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति देने के बाद वहां पर बेहद रात देखने को मिला जहां चावल के बढ़ते दामों में कई गिरावट भी हुई। लेकिन इससे पहले मोदी सरकार ने सेनेगल को 5 लाख टन, इंडोनेशिया को 2 लाख टन और अन्य देशों को टूटे चावल के निर्यात की अनुमति दी थी। बता दें की जिन देशों में बहन के बावजूद सरकार ने सीसीएल के जरिए गैर बासमती चावल के निर्यात की मंजूरी दी है उसमें भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर भी शामिल है।