भारत और चीन की सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई हिंसक झड़प को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चिंता जाहिर की है। एंटोनियो गुटेरेस ने मंगलवार को भारत-चीन सीमा पर तनाव को कम करने का आह्वान कियाय।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक से जब भारत और चीन के बीच टकराव को लेकर प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने कहा, "हमने इन रिपोर्टों को देखा है। हम उस इलाके में तनाव को कम करने के लिए डी-एस्केलेशन का आह्वान करते हैं।" उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि इस क्षेत्र में तनाव न बढ़ें।
चीने ने क्या कहा?
दूसरी तरफ भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा संबंधी मुद्दों पर सुचारू बातचीत बनाए रखी है। उन्होंने कहा कि भारत से लगी सीमा पर फिलहाल हालात स्थिर हैं।
गलवान के बाद पहली बड़ी झड़प
बता दें कि जून 2020 में गलवान घाटी में भयंकर आमना-सामना होने के बाद से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) के तीसरे पांच साल के कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने के बाद, सीमा पर यह पहली बड़ी घटना है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच शुक्रवार को हिंसक झड़प की घटना सामने आई थी।
इससे पहले दोनों देशों ने मई 2020 में पेंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद, पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के बाद से विभिन्न बिंदुओं पर गतिरोध को हल करने के लिए अपने कमांडरों के बीच 16 दौर की बातचीत की थी। आखिरी दौर की वार्ता सितंबर में हुई थी, जिसके दौरान दोनों पक्ष गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग पॉइंट 15 पर अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए थे। भारत लगातार यह कहता रहा है कि एलएसी पर शांति द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।