संयुक्त राष्ट्र संघ संस्था यूनेस्को ने भारत में होने वाले कुंभ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दिया है । दक्षिण कोरिया के जेजू में 4-9 दिसंबर तक हुए 12वें सत्र में कुंभ मेले को यूनेस्को प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है। आपको बता दे कि कुंभ मेला मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के तौर पर यूनेस्को की सूची में शामिल हुआ है। यूनेस्को के अधीनस्थ संगठन ‘इंटर गवर्नमेंटल कमेटी फॉर द सेफ सेफगार्डिंग ऑफ इन्टेजिबल कल्चरल हेरिटेज’ ने दक्षिण कोरिया के जेजू में हुए अपने 12वें सत्र में ये फैसला लिया। अब कुंभ मेल को यूनेस्को की मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है।
बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला कुंभ कहा जाता है। हमेशा से ही कुंभ मेला पूरे देश समेत विदेशियों के लिए भी आस्था का केंद्र रहा है। इस मेले में लाखों करोड़ों लोग पहुंचते हैं और हर जाति धर्म के लोग मेले में पहुंचकर इसकी शान बढ़ाते हैं।
वही , कुंभ मेले के यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल होने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इसे देश के लिए गर्व और खुशी की बात बताया। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भारत के लिए बेहद खुशी और गर्व की बात।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि यूनेस्को के अंतर्गत अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतरसरकारी समिति ने दक्षिण कोरिया के जेजू में 12वें सत्र के कुंभ मेले का उद्घाटन किया। भारत की ओर से दो सालों में योग और नवरोज (पारसी नववर्ष) के बाद कुंभ मेला यूनेस्को को सूचीबद्ध किया गया है।
यूनेस्को ने कहा कि कुंभ मेला इलाहाबाद, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में लगता है। इसमें देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु एकत्र होकर पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। अंतर सरकारी समिति ने एक बयान में कहा कि कुंभ मेला धार्मिक उत्सव के तौर पर सहिष्णुता और समग्रता को दर्शाता है। यह खासतौर पर समकालीन दुनिया के लिए अनमोल है।
बता दे कि कुंभ मेले को दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम के तौर पर समझा गया है। कुंभ मेले को बोस्तवाना, कोलंबिया, वेनेजुएला, मंगोलिया, मोरक्को, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात की धरोहरों के साथ सूची में शामिल किया गया है।
वही ,संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे लिए बेहद गौरव का क्षण है कि यूनेस्को ने कुंभ मेला को सांस्कृतिक धरोहर के तौर पर जगह दी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुंभ मेला को धरती पर श्रद्धालुओं का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जमघट समझा जाता है जिसमें जाति, पंथ या लिंग से इतर लाखों लोग हिस्सा लेते हैं। लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।