केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत और जापान के बीच साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में समझौते (एमओसी) पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी। सरकार ने अपना बयान देते हुए कहा , ‘‘भारत और जापान एक खुले, अंतर-संचालित, मुक्त, निष्पक्ष, सुरक्षित और विश्वसनीय साइबर स्पेस वातावरण और नवाचार, आर्थिक विकास और व्यापार तथा वाणिज्य के एक इंजन के रूप में इंटरनेट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो उनके संबंधित घरेलू कानूनों, अंतरराष्ट्रीय दायित्वों और उनकी व्यापक रणनीतिक साझेदारी के अनुरूप होगा।’’
सरकार का कहना है कि यह समझौता आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएगा, जिसमें अन्य बातों के साथ, साइबर स्पेस के क्षेत्र में क्षमता निर्माण, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा, उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग, साइबर सुरक्षा खतरों और दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों के बारे में जानकारी साझा करना शामिल है।
इस समझौते को ऐसे समय में मंजूरी दी गई है जब चीन द्वारा भारत पर साइबर हमला किए जाने को लेकर आशंकाएं जताई जा रही हैं, खासकर भारत द्वारा चीन से संबंधित 100 से अधिक मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद।सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘इस समझौते में साइबर सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सर्वोत्तम अभ्यास, सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) बुनियादी ढांचे आदि की सुरक्षा के लिए साइबर खतरों को कम करने के लिए व्यावहारिक सहयोग की खातिर संयुक्त तंत्र का विकास करना शामिल है।
यह समझौता दोनों पक्षों की ओर से, संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में सहयोग, आईसीटी उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला की समग्रता के लिए सर्वोत्तम तरीकों को बढ़ावा देने, चर्चा एवं रणनीतियां साझा करने, सरकार से सरकार और व्यापार-से-व्यापार सहयोग के माध्यम से आईसीटी बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को मजबूत करने, इंटरनेट गवर्नेंस मंचों में निरंतर संवाद और जुड़ाव और इन मंचों में दोनों देशों के सभी हितधारकों द्वारा सक्रिय भागीदारी के समर्थन की पुष्टि करता है।