इस्लामाबाद : अमेरिका ने पाकिस्तान से प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं के खिलाफ अपनी कार्रवाई में कुछ ‘‘ठोस कर दिखाने’’ के लिए कहा ताकि कई देशों की चिंताएं दूर की जा सकें और इस्लामाबाद को वित्तीय कार्रवाई बल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर निकलने में मदद मिले।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पाकिस्तान के दैनिक समाचार पत्र डॉन से कहा कि अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल इस साल जून में पेरिस स्थित धन शोधन निरोधक निगरानी संस्था की फ्लोरिडा में हुई बैठकों में उठाए गए कदमों तथा तब से पाकिस्तान द्वारा इस संबंध में की गई प्रगति का स्वतंत्र आकलन करने के लिए इस्लामाबाद आया था।
एफएटीएफ ने जून में कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद के वित्त पोषण पर अपनी कार्य योजना को पूरा करने में नाकाम रहा है। उसने इस्लामाबाद को अपनी प्रतिबद्धताएं अक्टूबर तक पूरा करने या फिर कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने के लिए चेताया। इसमें नाकाम रहने पर पाकिस्तान को काली सूची में डाला जा सकता है।
एफएटीएफ ने पिछले साल पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाला था। इस सूची में डाले गए देशों के घरेलू कानूनों को धन शोधन और आतंकवाद के वित्त पोषण की चुनौतियों से निपटने में कमजोर माना जाता है।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा तब हुई है जब प्रधानमंत्री इमरान खान ने वाशिंगटन का दौरा किया था और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ वार्ता की थी।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने वित्त और राजस्व पर प्रधानमंत्री के सलाहकार अब्दुल हाफिज शेख से मंगलवार को मुलाकात की।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘सलाहकार ने प्रतिनिधिमंडल को आर्थिक अनुशासन सुनिश्चित करने में, एफएटीएफ की कार्ययोजना लागू करने में किए जा रहे प्रयासों और उसके समक्ष आ रही चुनौतियों के बारे में पाकिस्तान सरकार द्वारा उठाए जा रहे आर्थिक सुधारों से संबंधित पहलों की जानकारी दी।’’
एफएटीएफ से बातचीत कर रही पाकिस्तानी टीम का हिस्सा रहे एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का प्रतिबंधित संगठनों, उनकी गतिविधियों और उनके नेताओं की गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई पर कड़ा रुख रहा है और वह एफएटीएफ के अधिकांश सदस्यों की चिंताओं को दूर करने के लिए कुछ ठोस कार्रवाई चाहता है।