अमेरिका यमन के हूती विद्रोहियों को आतंकवादी समूह घोषित करने की तैयारी कर रहा है। यह संकेत राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को दिए। बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी आबू धाबी में हूती विद्रोहियों द्वारा किए गए हमले लेकर अमेरिकी सरकार कड़े एक्शन में आ गई है। हूती द्वारा किए गए ड्रोन हमलों पर UAE के विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने कहा कि देश इन आतंकवादी हमलों और आपराधिक कार्यों का जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
उन्होंने इस हमले की तुलना अंतरराष्ट्रीय कानून के खुले तौर पर उल्लंघन किए जाने के रूप में की। वहीं, अबू धाबी में भारतीय दूतावास ने कहा- 2 भारतीयों की इस हमले में मौत हुई है। अबू धाबी में भारतीय दूतावास के अधिकारी अपने परिवार के संपर्क में हैं।
हूती को आतंकवादी समूह की सूची से बाहर कर दिया था
हूती पूर्व मिलिशिया समूह है जिसके कब्जे में यमन का ज्यादातर हिस्सा है। समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली है। यूएई का कहना है कि हमले के लिए मिसाइल और ड्रोन दोनों का इस्तेमाल किया गया था जिससे एक तेल डिपो और एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में आग लग गई थी। सऊदी अरब और यूएई पिछले कई महीनों से मांग कर रहे हैं कि अमेरिका हूती को फिर से आतंकवादी समूह घोषित करे। बाइडन ने राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के कुछ समय बाद ही हूती को आतंकवादी समूह की सूची से बाहर कर दिया था।
विद्रोहियों ने यमन की हुकूमत का तख्तापलट कर दिया था
बाइडन ने बुधवार को कहा कि हूती को फिर से आतंकवादी समूह घोषित किए जाने पर विचार किया जा रहा है। रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बुधवार को अबू धाबी के वलीअहद शहज़ादे (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन जायेद से बातचीत की और यूएई की सुरक्षा के लिए एकजुटता व्यक्त की। यूएई सऊदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन का हिस्सा है जो 2015 में यमन के गृह युद्ध में शामिल हुआ था। इससे पहले हूती विद्रोहियों ने यमन की हुकूमत का तख्तापलट कर दिया था और राष्ट्रपति को सत्ता से बेदखल कर दिया था।