रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध के बीच अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठान पेंटागन ने कहा है कि भारत द्वारा सैन्य और रक्षा उपकरणों की खरीद में विविधता लाने से अमेरिका उत्साहित है। इसके साथ ही पेंटागन ने नई दिल्ली के रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के निर्णय पर चिंता जताई। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया, इस खरीद पर हमारे भारतीय साझेदारों के साथ हमारा स्पष्ट रवैया है। हम आग्रह करते हैं कि, अन्य देश रूस के उपकरण न खरीदें।
हम भारत की जरूरतों के हिसाब से बातचीत जारी रखेंगे : किर्बी
पेंटागन अधिकारी किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा, पिछले एक दशक में भारत ने अपने रक्षा उपकरण में जैसी विविधता लाई है उसे लेकर हम उत्साहित हैं। इसलिए हम भारत की जरूरतों के हिसाब से बातचीत जारी रखेंगे। भारत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, खास तौर पर इस खरीद को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में हमने भारत के साफ तौर पर बता दिया है।
वर्ष 2018 खरीदा था भारत ने एस-400
अक्टूबर 2018 में भारत ने एस-400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत इस प्रणाली की पांच इकाइयां भारत खरीदेगा। हालांकि समझौते के दौरान तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने भारत को चेताया था कि, अगर वह इस समझौते पर आगे बढ़ता है तो उस पर अमेरिकी प्रतिबंध लग सकते हैं।
हम भारत की जरूरतों के हिसाब से बातचीत जारी रखेंगे : किर्बी
पेंटागन अधिकारी किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा, पिछले एक दशक में भारत ने अपने रक्षा उपकरण में जैसी विविधता लाई है उसे लेकर हम उत्साहित हैं। इसलिए हम भारत की जरूरतों के हिसाब से बातचीत जारी रखेंगे। भारत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, खास तौर पर इस खरीद को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में हमने भारत के साफ तौर पर बता दिया है।
वर्ष 2018 खरीदा था भारत ने एस-400
अक्टूबर 2018 में भारत ने एस-400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत इस प्रणाली की पांच इकाइयां भारत खरीदेगा। हालांकि समझौते के दौरान तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने भारत को चेताया था कि, अगर वह इस समझौते पर आगे बढ़ता है तो उस पर अमेरिकी प्रतिबंध लग सकते हैं।