अमेरिका के वित्त विभाग ने लेबनान की संसद के दो हिजबुल्ला सदस्यों को अपनी प्रतिबंधों की काली सूची में डाल दिया। यह पहली बार है जब अमेरिका ने ईरान समर्थित समूह के निर्वाचित नेताओं को काली सूची में डाला है।
लेबनान की इस शक्तिशाली शिया आंदोलनल पर वैश्विक दबाव बढ़ाने की कवायद के तौर पर वित्त विभाग ने सांसद अमीन शेरी और मुहम्मद हसन राड को आतंकवाद से संबंधित काली सूची में डालते हुए कहा कि हिजबुल्ला ने हिंसक गतिविधियों के लिए अपनी संसदीय शक्ति का इस्तेमाल किया।
मूवमेंट के महासचिव हसन नसरल्ला के करीबी एक शीर्ष हिजबुल्ला अधिकारी वाफिक सफा को भी काली सूची में डाला गया है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका ने तीन अधिकारियों को प्रतिबंधित किया है जिन्होंने हिजबुल्ला के लिए अपने पदों का फायदा उठाया।
उन्होंने कहा, “हिजबुल्ला की राजनीतिक और सैन्य शाखाओं के बीच किसी तरह का अन्तर बनावटी है।” उन्होंने कहा, “हम अपने सहयोगियों और साझेदारों से हिजबुल्ला को पूरी तरह से एक आतंकवादी संगठन घोषित करने का आह्वान करते हैं।” पोम्पिओ ने पश्चिम एशिया में ईरान और हिजबुल्ला समेत उसके प्रतिनिधि संगठनों के खिलाफ अमेरिका के “अधिकतम दबाव” को इस कार्रवाई की वजह बताया।
अमेरिका ने आधिकारिक रूप से हिजबुल्ला को “आतंकवादी समूह” घोषित कर रखा है। बहरहाल, अमेरिका ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ पर ऐसे ही प्रतिबंध लगाने से रुक गया। वित्त मंत्री स्टीवन मुचिन ने बताया कि जून में ऐसे ही प्रतिबंध लगाए जाने थे।
गोपनीयता की शर्त पर एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि जरीफ को काली सूची में डाले जाने की किसी योजना की पुष्टि नहीं करेंगे। जरीफ ने साल 2015 ऐतिहासिक परमाणु समझौते को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।