अमेरिका ने बृहस्पतिवार को चीन के तीन अधिकारियों पर मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में उइगुर मुसलमानों, कजाक तथा अन्य जातीय अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया। चीन की सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी से जुड़े इन अधिकारियों में चेन कुआंगू, झु हाइलुन और वांग मिंगशान शामिल हैं। प्रतिबंध लगने के बाद ये अधिकारी ओर इनके परिवार के सदस्य अब अमेरिका में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि चीन के शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अमेरिका आज कार्रवाई कर रहा है। वहीं इससे पहले पोम्पियो ने ‘रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्बत’ कानून के तहत चीन के अधिकारियों के एक समूह पर वीजा प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
पोम्पियो ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘ आज मैं पीआरसी (पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के उन अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध की घोषणा करता हूं जो तिब्बत में विदेशियों की पहुंच को रोकने का काम कर रहे हैं। हम लगातार चाहते हैं कि हमारे संबंधों में पारस्परिकता बनी रहे।’’ उन्होंने बयान में कहा कि चीन, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) तथा तिब्बत के अन्य क्षेत्रों में अमेरिकी राजनयिकों तथा अन्य अधिकारियों, पत्रकारों और पर्यटकों को जाने से जानबूझकर लगातार रोकता रहा है जबकि दूसरी ओर इसके किसी अधिकारियों एवं नागरिकों के अमेरिका में आने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है।
पोम्पियो ने कहा कि इसी तरह वह चीन की सरकार तथा चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के उन अधिकारियों पर वीजा पाबंदी की घोषणा कर रहे हैं जो तिब्बती इलाकों में विदेशियों के प्रवेश से संबंधित नीतियां बनाने और उन्हें कार्यान्वित करने के काम में शामिल हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि उनका यह कदम ‘रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्बत कानून (तिब्बत में पारस्परिक पहुंच कानून), 2018’ के अनुरूप है।