उत्तर कोरिया ने ताइवान का समर्थन करने पर अमेरिका की निंदा की है तथा बाइडेन प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वह बिना सोचे समझे ताइवान का समर्थन करके चीन के साथ सैन्य तनाव बढ़ा रहा है। यह बात उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया में वहां के उप विदेश मंत्री ‘पाक म्यांग हो’ के हवाले से कहीं गयी है। उप विदेश मंत्री ने अमेरिका द्वारा ताइवान जलडमरूमध्य में युद्धपोत भेजने और ताइवान को आधुनिक हथियार प्रणाली एवं सैन्य प्रशिक्षण देने पर अमेरिका की आलोचना की है। दरअसल ताइवान से संबंधित मुद्दों को उत्तर कोरिया पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला मानता है, इसलिए वह अमेरिका के ‘अविवेकपूर्ण हस्तक्षेप’ से कोरियाई प्रायद्वीप की संवेदनशील स्थिति के और बिगड़ने का खतरा मानता है।
अमेरिका सैन्य अभियान के जरिेए उत्तर कोरिया को बना सकता है निशाना
उप विदेश मंत्री ‘पाक म्यांग हो’ ने कहा है कि यह सही बात है कि अमेरिका ताइवान जलडमरुमध्य में उनके सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल चीन पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है तथा ताईवान के निकट अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के सैन्य जमावड़े किसी भी समय उत्तर कोरिया को सैन्य अभियान के जरिए निशाना बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अमेरिकी नीति शत्रुतापूर्ण ताकतों की ओर से बढ़ता सैन्य जमावड़ा इस खोखले आधार पर किया जा रहा है कि ताइवान और कोरियाई प्रायद्वीप में उत्तर कोरिया तथा चीन संकट पैदा कर सकते हैं।
बाइडन ने कहा अमेरिका ताइवान की रक्षा करने के लिए कृतसंकल्पित है
म्यांग हो के बयान से एक दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडेन ने सीएनएन टाउनहॉल कार्यक्रम में कहा था कि चीन से हमले का खतरा होने पर अमेरिका ताइवान की रक्षा करने के लिए कृतसंकल्पित है। दरअसल एशिया प्रशांत क्षेत्र में प्योंगयांग के प्रमुख सहयोगी और आर्थिक मददगार चीन के साथ बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच अमेरिका के क्षेत्र में व्यापक सुरक्षा की भूमिका में आने की उत्तर कोरिया आलोचना करता रहा है। पिछले महीने बाइडन प्रशासन द्वारा ऑस्ट्रेलिया को परमाणु हथियार सम्पन्न पनडुब्बियां देने के फैसले के बाद उत्तर कोरिया ने जवाबी कदम उठाने की धमकी भी दी थी।