राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लिए गए एक फैसले से दुनिया भर से अमेरिका में नौकरी करने का सपना देखने वाले लोगों को धक्का लगा है। दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप ने इस साल के अंत तक एच-1 बी वीजा समेत अन्य कार्य वीजा को अस्थायी तौर पर सस्पेंड करने के लिए आदेश जारी किया। ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक ये फैसला अमेरिकी श्रमिकों के हित के लिए लिया गया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह कदम उन अमेरिकियों की मदद करने के लिए आवश्यक था, जिन्होंने मौजूदा आर्थिक संकट के कारण अपनी नौकरी खो दी है। नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों से पहले ये ऐलान करते हुए ट्रंप ने विभिन्न व्यापारिक संगठनों, कानूनविदों और मानवाधिकार निकायों द्वारा आदेश के बढ़ते विरोध की अनदेखी की है।
व्हाइट हाउस ने कहा कि इन सुधारों के तहत, H-1B वीजा कार्यक्रम में उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्हें काफी ज्यादा वेतन की पेशकश की जा रही है। इसके अलावा, ट्रंप सरकार सभी खामियों को भी दूर करेगी। जिसका फायदा उठाकर कंपनियां अमेरिकी कामगारों की जगह सस्ते विदेश कर्मचारी रखते हैं। ये आदेश 24 जून से लागू होगा।
अमेरिका द्वारा लिए गए इस फैसले का सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय पेशेवरों को होगा। H-1B वीजा एक गैर प्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को कुछ खास व्यवसायों में नियोजित करने की अनुमति देता है। भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच इसकी काफी अधिक मांग है। अमेरिका में हर साल 85,000 एच-1 बी जारी करने की सीमा है।