वैश्विक महामारी कोरोना ने विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका को हिला कर रख दिया है। अमेरिका कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। यहां अब तक वायरस से 74809 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना से हो रही मौतों के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस की तुलना पर्ल हार्बर अटैक और 9/11 के हमले से की है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को वाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना वायरस ने अमेरिका को द्वितीय विश्व युद्ध में पर्ल हार्बर हमले या 9/11 के हमले की तुलना में ज्यादा गहरी चोट पहुंचाई है। यह पर्ल हार्बर से भी खतरनाक है। यह वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से भी बदतर है और ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था।
अमेरिका में कोरोना वायरस सबसे ज्यादा प्रकोप दिखा रहा है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार अमेरिका में इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 73 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। वहीं अमेरिका में अबतक 74809 लोगों की मौत हो चुकी है और 12,23,468 लोग संक्रमित हो गए हैं।
क्या है पर्ल हार्बर अटैक?
साल 1941 में 7 दिसम्बर को जापानी विमानों ने पर्ल बंदरगाह पर अचानक हवाई हमला किया था। हमला उस समय किया गया था जब वाशिंगटन में जापानी प्रतिनिधि के साथ द्वितीय विश्वयुद्ध की समझौता वार्ता चल रही थी। यह हमला अमेरिका के इतिहास में सबसे भयावह और दर्दनाक हमला माना जाता है।
इस हमले के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका को विश्व युद्ध में कूदने पर मजबूर होना पड़ा था। इस हमले से अमरीका को भरी क्षति हुई थी, इसके साथ बंदरगाह बुरी तरह नष्ट हो गया था। ढाई हजार सैनिक मारे गए थे।
9/11 हमला
11 सितंबर 2011 को हुए इस आतंकी हमले में अमेरिका के करीब 3000 लोगों की जानें गई थीं। इनमें से ज्यादातर न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में मारे गए थे। इस हमले में आतंकी ग्रुप अलकायदा का हाथ था। अलकायदा के आतंकियों ने चार यात्री विमानों को हाईजैक किया था।