अमेरिका ने 2017 में केवल 33,000 शरणार्थियों को शरण दी। वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 97,000 था। इस आंकड़े की 2017 से तुलना करें तो इसमें दो-तिहाई की गिरावट आई है। अमेरिका स्थित प्यू रिसर्च केंद्र की ओर से प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के आंकड़े से यह जानकारी मिली है।
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, थिंक टैंक ने शुक्रवार को कहा, ‘अमेरिका में शरणार्थियों को शरण देने में कमी और डोनाल्ड ट्रंप के जनवरी 2017 में राष्ट्रपति बनना दोनों एक साथ हुआ।’ यह पहली बार है कि 1980 में शरणार्थी अधिनियम को मंजूरी दिए जाने के बाद अमेरिका ने पूरी दुनिया के मुकाबले कम शरणार्थियों को शरण दी है। देश ने 1980 से वैश्विक स्तर पर 40 लाख शरणार्थियों में से 30 लाख शरणार्थियों को स्वीकार किया है।
वर्ष 2016 में, राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में अमेरिका ने 97,000 शरणार्थियों को शरण दी, जबकि अन्य देशों में 92,000 शरणार्थियों को बसाया गया। वर्ष 2017 में कम संख्या के बावजूद, शरणार्थियों को बसाने के मामले में अमेरिका 33,000 के आंकड़े के साथ सबसे आगे है। इसके बाद कनाडा(27,000), आस्ट्रेलिया(15,000), ब्रिटेन(6,000), जर्मनी, स्वीडन, फ्रांस और नार्वे प्रत्येक में 3,000 शरणार्थी दोबारा बसाए गए हैं।
ट्रंप ने वित्त वर्ष 2018 के लिए शरणार्थियों का कोटा 2017 में ओबामा द्वारा तय किए गए 110,000 को घटाकर 45,000 कर दिया है। वित्त वर्ष 2018 पूरे होने में तीन माह बचे हैं और अमेरिका ने अब तक 16,000 शरणाार्थियों का स्वागत किया है। ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान शरणार्थी नीति की निंदा की थी और कहा था कि शरणार्थियों की आड़ लेकर आतंकवादी देश में आ सकते हैं।