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US विदेश मंत्री ब्लिंकन का अशरफ गनी पर कटाक्ष, बोले- आखिरी सांस तक लड़ने का वादा किया था…… लेकिन

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आखिरी सांस तक लड़ने का वादा किया था, लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान के आने और राजधानी शहर पर कब्जा करने के बाद काबुल से भाग गए।

अफगानिस्तान में तालिबान का शासन शुरू हुए दो महीने से ज्यादा हो गए है और अभी भी हालात कुछ बेहतर नहीं हुए है। ऐसे में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आखिरी सांस तक लड़ने का वादा किया था, लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान के आने और राजधानी शहर पर कब्जा करने के बाद काबुल से भाग गए। ब्लिंकन से पूछा गया कि क्या उन्होंने व्यक्तिगत रूप से गनी को काबुल में रहने के लिए मनाने की कोशिश की थी।
अशरफ गनी पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप
उन्होंने कहा कि वह शनिवार (14 अगस्त) की रात को गनी के साथ फोन पर थे, उन्होंने काबुल में एक नई सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने की योजना को स्वीकार करने के लिए दबाव डाला। उन्होंने कहा कि यह सरकार ‘तालिबान के नेतृत्व में होगी, लेकिन अफगान समाज के सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा’।
अगर तालिबान साथ नहीं देगा
ब्लिंकन ने बताया, गनी ने उनसे कहा था कि वह ऐसा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि अगर तालिबान साथ नहीं देगा, तो वह आखिरी सांस तक लड़ेंगे। लेकिन अगले ही दिन, वह अफगानिस्तान से भाग गए। अगले ही दिन 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया।
ब्लिंकन ने अमेरिकी सैनिकों की वापसी का भी बचाव किया
इसके साथ ही ब्लिंकन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का भी बचाव किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिका के इस सबसे लंबे चले युद्ध को खत्म करके सही किया है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो अमेरिका की आने वाली पीढ़ियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ता।
उनके भविष्य की रक्षा करने के लिए जो बाइडेन ने यह कदम उठाया। गौरतलब है कि जो बाइडेन भी कई बार अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी के अपने फैसले का बचाव कर चुके हैं। बाइडेन का कहना था कि अंतहीन समय तक अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में नहीं रह सकते और वहां के लोगों को अपने भविष्य के लिए खुद आगे आना होगा।

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