रूस के प्रति भारत के रुख पर अमेरिका नरम? ब्लिंकन बोले- दशकों पुराने हैं संबंध.. तब US नहीं था साझेदार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

रूस के प्रति भारत के रुख पर अमेरिका नरम? ब्लिंकन बोले- दशकों पुराने हैं संबंध.. तब US नहीं था साझेदार

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत के रूस के साथ संबंध दशकों पुराने हैं और ऐसे वक्त से हैं जब अमेरिका दक्षिण एशियाई देश का साझेदार नहीं था।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत के रूस के साथ संबंध दशकों पुराने हैं और ऐसे वक्त से हैं जब अमेरिका दक्षिण एशियाई देश का साझेदार नहीं था। ब्लिंकन ने यह बात राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के यूक्रेन पर रूस के हमले की घटना पर भारत के रुख को समझने के संकेतों के बीच कही। अमेरिका के विदेश मंत्री ने रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन तथा भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा,”भारत के रूस के साथ संबंध दशकों पुराने हैं और ऐसे वक्त से हैं जब अमेरिका भारत का साझेदार तक नहीं था।”
भारत और रूस के संबंधों पर अमेरिका ने कही यह बात  
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा,‘‘आज हम भारत के साथ वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में साझेदारी के काबिल और इच्छुक हैं। आज हमारे बीच इसी को लेकर बातचीत हुई है। जब बात तेल खरीद, प्रतिबंध आदि की आती है तो मैं बस यही कहूंगा कि तेल खरीद के लिए यह जटिल प्रक्रिया है ।’’ शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने हालांकि सहयोगियों और साझेदारों को रूस से तेल आदि की खरीद को बढ़ाने के प्रति आगाह किया।
तेल निर्यात को लेकर भी दिखाई नरमी?
उन्होंने कहा,‘‘ यकीनन हम देशों को इस बात के लिए प्रेरित कर रहे हैं कि वे रूस से अतिरिक्त ईंधन नहीं खरीदें। प्रत्येक देश की स्थिति अलग है, उनकी जरूरतें अलग हैं, लेकिन हम सहयोगियों और साझेदारों से उम्मीद करते हैं कि वे रूस से ईंधन खरीद को न बढ़ाएं।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने वैश्विक खाद्य आपूर्ति और कीमतों, बाजारों पर पड़ने वाले गहरे प्रभाव को कम करने और इसे हासिल करने के लिए मिलकर काम करने के तरीकों के बारे में बात की।
भारत ने की रूस के असंवैधानिक कदमों की निंदा :ब्लिंकन 
ब्लिंकन ने कहा, ‘‘ मैं कहना चाहूंगा कि भारत ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में काफी कठोर बयान दिए थे, भारतीय संसद में मंत्री ने कड़ा बयान दिया, यूक्रेन में आम नागरिकों की हत्या की निंदा की, इन मामलों की स्वतंत्र जांच की मांग की । मैं यह भी कहना चाहूंगा कि भारत यूक्रेन की जनता को अहम मानवीय मदद पहुंचा रहा है, खासतौर पर दवाइयां।’’ एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जब बात सैन्य साजो-सामान की आती है तो यकीनन भारत और रूस के बीच संबंधों का लंबा इतिहास है।

US कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए राजनाथ ने किया आमंत्रित, ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम पर की चर्चा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fourteen − 8 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।