भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बन रहे करतारपुर साहिब कॉरिडोर की आधारशिला रखी जानी है। भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू आज करतारपुर कॉरिडोर की नींव रखेंगे, इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और हरसिमरत कौर बादल भी इस मौके पर मौजूद रहेंगी। वहीं सरकार के इस फैसले की सरहाना हो रही है तो वहीं पंजाब सरकार में मंत्री एसएस रंधावा ने नींव रखने से पहले शिलापट पर अपने, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब के अन्य मंत्रियों के नाम के आगे काली टेप लगाई।
उन्होंने कहा कि इस पर अकाली-बीजेपी वाले नेताओं का नाम क्यों हैं। वह इसका विरोध कर रहे हैं। पंजाब सरकार के मंत्रियों का कहना है कि कॉरिडोर बनाने का फैसला आनन-फानन में लिया गया है, केंद्र सरकार को अभी ये भी नहीं पता है कि कॉरिडोर कहां बनाना है। पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि पाकिस्तान ने 28 नवंबर को आधारशिला रखने का कार्यक्रम तय कर दिया है।
उन्होंने कहा कि इसी वजह से आनन-फानन में केंद्र सरकार ने 26 नवंबर को ही पंजाब सरकार को आधारशिला का कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दे दिया। जबकि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया जिसे इस कॉरिडोर को बनाना है, उसे अब तक ये ही नहीं पता कि ये कॉरिडोर कहां से निकाला जाएगा और इस कॉरिडोर की आधारशिला कहां रखी जाएगी।
राज्य सरकार में मंत्री सुखविंदर सिंह रंधावा ने कहा कि हरसिमरत कौर बादल ने नवजोत सिद्धू को कौम का गद्दार बताया था, अब वो खुद पाकिस्तान जा रही हैं। वह क्या मुंह लेकर वहां जाएंगी। अकाली दल ने आजतक इस मुद्दे को नहीं उठाया था। वहीं पाकिस्तान ने भारत के अपने दो केंद्रीय मंत्रियों को करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखने वाले समारोह में भाग लेने के लिए भेजे जाने के फैसले का ”सकारात्मक प्रतिक्रिया” कह कर स्वागत किया है।
पाकिस्तान में करतारपुर साहिब, भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक पूजास्थल से करीब चार किलोमीटर दूर रावी नदी के पार स्थित है। यह सिख गुरुद्वारा 1522 में सिख गुरु ने स्थापित किया था। पहला गुरुद्वारा, गुरुद्वारा करतारपुर साहिब, यहां बनाया गया था, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां गुरु नानक देव का निधन हुआ था।