पाकिस्तान के पहले सिख अधिकारी ने दावा किया है कि सरकार के साथ संपत्ति विवाद के बाद उसे उसके बच्चों तथा पत्नी के साथ यहां स्थित उसके घर से जबरदस्ती बाहर निकाल दिया गया।
डेली पाकिस्तान ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि गुलाब सिंह शाहीन ने एक वीडियो में कल कहा कि उसे सिख गुरूद्वारा प्रबंधक समिति (पीएसजीपीसी) की मूल संस्था ईवेक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) ने लाहौर के डेरा चहल गांव में स्थित उसके घर से निकाल दिया।
सिंह ने फेसबुक पर साझा की गई एक वीडियो में कहा ,‘‘ मेरी पगड़ी को जबर्दस्ती खोल दिया गया। ’’ वीडियो में सिंह को पुलिस से यह अनुरोध करते हुए देखा जा सकता है कि उसे इस जगह पर ‘‘ कम से कम दस मिनट ’’ दे दिये जायें और वे यहां 1947 से रह रहे हैं।
#WATCH: In a fresh video,#Pakistan’s first #Sikh police officer Gulab Singh who was forcibly evicted from his house in Lahore’s Dera Chahal, says ‘Even in 1947 we Sikhs did not leave Pakistan but now we are being forced to do so’ pic.twitter.com/YwqSALUSvG
— ANI (@ANI) July 11, 2018
गुलाब सिंह शाहीन ने बाद में मीडिया से बातचीत में दावा किया कि ईटीपीबी सचिव तारिक वजीर ने उसकी पिटाई की। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 में गुलाब सिंह ने गुरूद्वारा संपत्ति को अवैध रूप से बेचने के लिए सईद आसिफ हाश्मी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था।
फरवरी 2018 में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने गुरूद्वारा भूमि की अवैध बिक्री के लिए ईटीपीबी के उस समय अध्यक्ष रहे हाश्मी को जिम्मेदार ठहराया था।