दुनिया में इस समय कोरोना काल का आतंक चल रहा है, जिसने बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को हिला कर रख दिया है, तो पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पाकिस्तान का हाल तो बहुत ही बुरा होगा। इस बीच विश्व बैंक ने स्वच्छ ऊर्जा और मानव पूंजी विकास से संबंधित योजनाओं के वित्तपोषण के लिए पाकिस्तान को 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है।
ऋण राशि का इस्तेमाल उन योजनाओं के लिए किया जाएगा, जो वित्त वर्ष 2021-22 के बजटीय घाटे के कारण पूरी नहीं हो सकीं थीं। विश्वबैंक के निदेशक मंडल ने दो कार्यक्रमों – प्रोग्राम फॉर अफोर्डेबल एंड क्लीन एनर्जी (पेस) और सिक्योरिंग ह्यूमन इनवेस्टमेंट टू फोस्टर ट्रांसफॉर्मेशन (शिफ्ट-दो) के वित्तपोषण को मंजूरी दी।
अखबार ने विश्व बैंक के दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि सरकार द्वारा कम से कम छह पूर्व शर्तों को स्वीकार करने के बाद बोर्ड ने 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर के पेस ऋण को मंजूरी दी। इन शर्तों में बिजली उत्पादन लागत में कमी सुनिश्चित करना, नई बिजली परियोजनाओं के लिए प्रतिस्पर्धी बोली, स्वच्छ ऊर्जा, बिजली की दरों में 1.95 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि शामिल हैं। विश्वबैंक ने शिफ्ट-दो के लिए 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर को भी मंजूरी दी जो मानव पूंजी संचय के लिए बुनियादी वितरण सेवा को मजबूत करने के लिए एक संघीय ढांचे का समर्थन करता है।