प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक को संबोधित किया। फोरम की यह बैठक दोपहर 3.45 बजे शुरू हुई। इस बैठक में पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने अपना विजन पेश किया। पीएम ने अपने संबोधन की शुरुआत हिंदी में की। उन्होंने विश्व आर्थिक मंच के पूर्ण सत्र में भाषण देते हुए न्यू इंडिया की तस्वीर दुनिया के सामने रखी। पीएम मोदी ने हिंदी में भाषण देते हुए कहा कि इस बैठक में शामिल होने पर उन्हें काफी प्रसन्नता हुई।
> पीएम मोदी ने कहा कि WEF की 48 बैठक में शामिल होते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। गर्मजोशी से स्वागत के लिए पीएम मोदी ने स्विट्जरलैंड का सरकार का धन्यवाद दिया।
> 1997 में भारत के पीएम देवगौड़ा जी इस फोरम में शामिल हुए थे। पीएम ने कहा, ‘1997 से अब तक दुनिया काफी आगे निकल चुकी है। वह पिछली शताब्दी थी। : पीएम मोदी
>पीएम मोदी ने कहा कि उस समय यूरो नहीं था, ब्रेक्सिट नहीं था, ना लादेन था और ना हैरी पॉटर था।
> उन्होंने कहा कि 1997 में गूगल नहीं था और ना कंप्यूटर से शतरंज खिलाड़ियों को हारने का खतरा था। ना गूगल था और ना एमेजॉन था और ट्वीट करना चिड़ियों का काम था।
> 1997 में चिड़िया ट्वीट करती थी , अब मनुष्य करते हैं , तब अगर आप अमेज़न इंटरनेट पे डालते तो नदियों और जंगल कि तस्वीर आती : पीएम मोदी
1997 mein chidiya tweet karti thi, ab manushya karte hain, tab agar aap Amazon internet pe daalte toh nadiyon aur jungle ki tasveer aati: PM Modi #Davos #WorldEconomicForum pic.twitter.com/2Q9GoUp6YJ
— ANI (@ANI) January 23, 2018
> पीएम मोदी ने कहा आज डाटा सबसे बड़ी सम्पदा है डाटा के ग्लोबल फ्लो से सबसे बड़े अवसर बन रहे हैं और सबसे बड़ी चुनौतियाँ भी ।
> गरीबी, बरोजगारी और प्राकृतिक संसाधनों के नियंत्रण की समस्या से पूरी दुनिया जूझ रही है. हमें सोचना है कि क्या हमारी अर्थव्यवस्था समाज में दरारों को तरजीह तो नहीं दे रही है।
> पीएम मोदी ने कहा कि जब दुनिया के सामने कोई साझा चुनौती आए तो सभी को एकजुट होकर उनका सामना करने की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के सामने क्लाइमेट चेंज की बड़ी चुनौती है और हम इससे लड़ने के लिए अभीतक एकजुट होकर प्रयास नहीं कर पा रहे हैं।
> उन्होंने ने कहा कि आज डेटा बहुत बड़ी संपदा है। आज डेटा के पहाड़ के पहाड़ बनते जा रहे हैं। उस पर नियंत्रण की होड़ लगी है। आज कहा जा रहा है कि जो डेटा पर अपना काबू रखेगा वही दुनिया में अपना ताकत कायम रखेगा। आज तेजी से बदलती तकनीक और विनाशकारी कार्यों से पहले से चली आ रही चुनौतियां और भी गंभीर होती जा रही है।
> पीएम मोदी ने कहा कि चिंता का विषय है कि हमारी दूरियों ने इन चुनौतियों और भी कठिन बना दिया है। तीन प्रमुख चुनौतियां मानव सभ्यता के लिए सबसे बड़ा खतरा। पहला क्लाइमेट चेंज, ग्लेशियर पीछे हटते जा रहे है। आकर्टिक की बर्फ पिघलती जा रही है। बहुत गर्मी, बेहद बारिश, बहुत ठंड ।
> पीएम ने कहा कि एक गंभीर बात यह है कि इस काल के भीतर चुनौतियों से निपटने के लिए हमारे बीच थोड़ा अभाव है। लेकिन परिवार में जब कोई चुनौती आती है तो सब एकजुट होकर इसका सामना करते हैं। लेकिन चिंता का विषय यह है कि दरारों की वजह से हम विश्व की बड़ी चुनौतियों से नहीं निपट पा रहे हैं।
> हजारों साल पहले संस्कृति में लिखे ग्रंथों में भारतीय चिंतकों ने लिखा है कि वसुधैव कुटुंबकम यानी पूरी दुनिया एक परिवार है। लिहाजा हम सब एक ही परिवार की तरह बंधे हुए हैं। हमें एक साझा सूत्र जोड़ती हैं। आज दुनिया में दरारों और दूरियों को मिटाने में वसुधैव कुटुंबकम की सोच बेहद कारगर है। लेकिन हमारे बीच सहमति का अभाव है।
> ग्लोबलाइजेशन की चमक धीरे-धीरे कम हो रही है। संयुक्त राष्ट्र अभी भी मान्य है लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के बाद बने संगठन क्या आज के मानव की आकांक्षाओं को परिलक्क्षित करते हैं?।
>उन्होंने दुनिया के लिए जलवायु परिवर्तन को पहले खतरे के रूप में जिक्र किया। उन्होने कहा कि कहा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहे हैं, द्वीप डूब रहे हैं, बहुत गर्मी और बहुत ठंड, बेहद बारिश और बेहद सूखा का प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। दावोस में जो बर्फ पड़े हैं, वो 20 साल बाद हुआ है. आर्कटिक की बर्फ पिघल रही है।
> दूसरा खतरा के रूप में पीएम मोदी ने आतंकवाद को बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद बड़ा खतरा है। मगर उससे भी बड़ा खतरा है कि लोग आतंकवाद को भी अच्छा आतंकवाद और बुरा आंतकवाद के रूप में परिभाषित करते हैं। भारतीय परंपरा में प्रकृति के साथ गहरे तालमेल के बारे में हजारों साल पहले हमारे शास्त्रों में मनुष्यमात्र को बताया गया कि भूमि माता, पूत्रो अहम पृथ्वया यानी हम लोग इस धरती की संतान हैं।
> उन्होंने कहा कि हम भारतीय अपने लोकतंत्र और विविधता पर गर्व करते हैं। धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषाई और कई तरह की विविधता को लिए समाज के लिए लोकतंत्र महज राजनीतिक व्यवस्था ही नहीं, बल्कि जीवनशैली की एक व्यवस्था है।
> पीएम मोदी ने कहा कि विकासशील देश होते हुए भी हम दुनिया की मदद कर रहे हैं। हम किसी भी देश के प्राकृतिक संसाधन का दोहन नहीं करते , बल्कि उनके साथ मिलकर उनके आवश्यकता के अनुसार उनका विकास करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करना जरूरी।
> पीएम मोदी ने संस्कृत के श्लोक का उदाहरण देते हुए दुनिया के सभी देशों के कल्याण की इच्छा जताई. पीएम मोदी ने कहा कि आइये दुनिया के दरारों और अनावश्यक दीवारों से मुक्ति मिले। भारत ने पूरी दुनिया को परिवार माना है। भाषण के अंत में पीएम मोदी ने वहां मौजूद तमाम वैश्विक नेतआों से भारत आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर आप समृद्धि के साथ शांति चाहते हैं तो भारत आएं।
#WATCH: PM Narendra Modi addresses the Plenary Session of the #WorldEconomicForum in #Davos https://t.co/knyqBTb0CX
— ANI (@ANI) January 23, 2018
आपको बता दे कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 48वीं बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावोस पहुंचे हैं। जहां पीएम मोदी को की-नोट स्पीकर के तौर पर वर्ल्ड इकनोमिक फोरम ने खास तौर पर आमंत्रित किया है। विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2018 दावोस में 23 से 26 जनवरी तक आयोजित की जा रही है। इस बैठक की थीम ‘खंडित विश्व में साझा भविष्य बनाना’ है। पीएम मोदी 1997 के बाद मंच की वार्षिक बैठक में शामिल होने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।
आपको बता दे कि वित्त मंत्री अरूण जेटली, वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम एवं गैस, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के प्रभारी और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और विदेश राज्य मंत्री श्री एम.जे. अकबर वार्षिक बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक से इतर स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से मुलाकात की और उनसे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की. मोदी ने एक ट्वीट कर कहा कि दावोस पहुंचने पर मैंने स्विस कन्फेडरेशन के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से बातचीत की। हमने द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं की समीक्षा की, इसे और मजबूत बनाने पर बात की।
इससे पहले पीएम मोदी ने दुनिया की टॉप बिजनेस कंपनियों के सीईओ की राउंड टेबल मीटिंग की। इसमें पीएम मोदी ने बताया कि भारत का मतलब बिजनेस होता है। पीएम मोदी के साथ इस मीटिंग में विजय गोखले, एस जयशंकर और रमेश अभिषेक समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इस बैठक में वैश्विक कंपनियों के 40 और भारत के 20 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस राउंड टेबल मीटिंग का नाम ‘इंडिया मीन्स बिजनेस’ रखा गया था।
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